अब घर बैठे बनवा सकेंगे जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र, ऐसे करें आवेदन Gorakhpur News
अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया जा सकेगा। घर पर पैदा हुए बच्चों का डाटा नागरिक स्वयं पोर्टल पर अपलोड करेंगे। संबंधित रजिस्ट्रार उसे अनुमोदित कर देंगे। इसके बाद कंप्यूटर से ही उसका प्रिंट निकाला जा सकेगा। यही प्रक्रिया मृत्यु के मामलों में भी होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। पूरे देश में जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र में एकरूपता लाने के लिए भारत सरकार ने 2015 में सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल लांच किया है। इसके जरिये अब अस्पतालों में पैदा होने वाले बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया जा सकेगा। घर पर पैदा हुए बच्चों का डाटा नागरिक स्वयं पोर्टल पर अपलोड करेंगे। संबंधित रजिस्ट्रार उसे अनुमोदित कर देंगे। इसके बाद कंप्यूटर से ही उसका प्रिंट निकाला जा सकेगा। यही प्रक्रिया मृत्यु के मामलों में भी होगी। इसके लिए 132 निजी अस्पतालों का 23, 24, 25 फरवरी को सीएमओ कार्यालय के प्रेरणाश्री सभागार में प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। सरकारी अस्पताल में यह व्यवस्था पहले से लागू है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू होगी यह प्रक्रिया
इस योजना के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. एसएन त्रिपाठी ने बताया कि सभी अस्पतालों व संबंधित रजिस्ट्रार को यूजर आइडी व पासवर्ड दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, अस्पतालों के संचालक, ग्रामीण क्षेत्र में सभी स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक व ग्राम पंचायत अधिकारी रजिस्ट्रार हैं। अस्पताल में बच्चा पैदा हुआ तो सीआरएस पोर्टल पर उसका डाटा उपलब्ध करा दिया जाएगा। स्वजन एक सप्ताह बाद अस्पताल जाकर जन्म प्रमाण पत्र ले सकेंगे। घर पर पैदा हुए बच्चे के लिए पोर्टल पर एक जनरल पब्लिक का विकल्प है। जिसमें जानकारी अपलोड करना होगा। उस पर एक सप्ताह बाद क्लिक कर घर से ही प्रमाण पत्र का प्रिंट निकाला जा सकता है।
यह होगी प्रक्रिया
21 दिन के अंदर डाटा अपलोड करने पर शुल्क नहीं देना होगा। 22 से 30 दिन के भीतर अपलोड करने पर दो रुपये विलंब शुल्क ट्रेजरी के जरिये देना होगा। 30 दिन से एक साल के अंदर डाटा अपलोड करने पर पांच रुपये विलंब शुल्क देने के साथ उप मुख्य चिकित्साधिकारी से अनुमोदन भी लेना होगा। एक साल के बाद अपलोड करने पर 10 रुपये विलंब शुल्क और एसडीएम से अनुमोदन लेने के बाद ही प्रमाण पत्र बन सकेगा।
सरकारी अस्पतालों से अब तक पोर्टल से बने प्रमाण पत्रों की संख्या
वर्ष जन्म मृत्यु
2015 3739 18
2016 28820 898
2017 45874 3361
2018 38227 1177
2019 64340 2109
2020 81238 8935
2021 11304 1782
यह पोर्टल 2015 से चल रहा है। लेकिन अब निजी अस्पतालों को भी इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि जन्म व मृत्यु प्रमाण बनवाने के लिए लोगों को नगर निगम का चक्कर न लगाना पड़े। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।