Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: सपा सांसद राम भुआल निषाद के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 07:45 AM (IST)

    गोरखपुर में सुल्तानपुर के सपा सांसद राम भुआल निषाद पर फर्जी कागजात से शस्त्र लाइसेंस लेने और दुरुपयोग करने का आरोप है। अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है और एसएसपी को उन्हें पेश करने का आदेश दिया। आरोप है कि उन्होंने एक मृतक के नाम पर जारी लाइसेंस का इस्तेमाल किया। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है लेकिन सांसद पेश नहीं हो रहे।

    Hero Image
    बड़हलगंज थाने में राम भुआल पर दर्ज मुकदमे में दाखिल हो चुकी है चार्जशीट। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शस्त्र लाइसेंस हासिल कर उसका दुरुपयोग करने के मामले में सुल्तानपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद राम भुआल निषाद की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

    अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेंद्र कुमार की अदालत ने उनके विरुद्ध गैर-जमानती वारंट जारी किया है। न्यायालय ने आदेश के साथ ही एसएसपी गोरखपुर को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सांसद अगली पेशी में अदालत में उपस्थित हों।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस की जांच में पता चला था कि डीबीबीएल (डबल बैरल बंदूक) गन जिसका उपयोग दवनाडीह गांव में रहने वाले राम भुआल निषाद कर रहे थे, वह 1996 में बेचू यादव नामक व्यक्ति के नाम जारी हुआ था। बड़हलगंज के मुंडेरा बाबू गांव में रहने वाले बेचू यादव की मृत्यु हो चुकी है।

    इसके बावजूद उनके नाम का लाइसेंस कथित रूप से राम भुआल निषाद द्वारा उपयोग में लाया जा रहा था। जिलाधिकारी कार्यालय के आयुध लिपिक सुनील कुमार गुप्ता की तहरीर पर 25 जनवरी, 2020 को बड़हलगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इस प्रकरण की विवेचना पूरी कर पुलिस ने न्यायालय में आरोपपत्र प्रस्तुत कर दिया।

    मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन, इसके बावजूद सुल्तानपुर के सांसद राम भुआल निषाद न्यायालय में पेश होने से बचते रहे। अदालत ने इसे न्यायिक अवमानना और आपराधिक प्रकरण की गंभीरता के लिहाज से देखा।

    अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेंद्र कुमार ने शुक्रवार को सांसद के विरुद्ध गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए एसएसपी गोरखपुर को पत्र भेजा है कि वे सुनिश्चित करें कि अगली सुनवाई में आरोपित की उपस्थिति दर्ज हो।