नहीं रहेगी मोटराइज्ड ट्राई साइकिल के मरम्मत की चिंता, खुलेगा सर्विस सेंटर Gorakhpur News
गोरखपुर जिला प्रशासन की ओर से दिव्यांगजनों को आने-जाने में सहूलियत देने के लिए मोटराइज्ड ट्राई साइकिल प्रदान की जा रही है। जिले में न तो इस तरह की ट्राईसाइकिल का कोई शोरूम है और न ही सर्विस सेंटर। प्रशासन अब सर्विस सेंटर खुलवाने के लिए प्रयास कर रहा है।

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में 80 फीसद या इससे अधिक दिव्यांगों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल दी जा रही है। 2018 से अब तक करीब 500 से अधिक दिव्यांगजनों को यह उपकरण मिल चुका है और उनकी जिंदगी भी आसान हो चुकी है। पर, उनके सामने इस उपकरण में कोई समस्या आने पर मरम्मत का संकट है। जिले में न तो इस तरह की ट्राईसाइकिल का कोई शोरूम है और न ही सर्विस सेंटर। प्रशासन अब यहां शोरूम एवं सर्विस सेंटर खुलवाने के लिए प्रयास कर रहा है।
कोई दिक्कत आने पर मरम्मत कराने की नहीं है जगह, समस्या के निराकरण के लिए प्रशासन करेगा पहल
जिला प्रशासन की ओर से दिव्यांगजनों को आने-जाने में सहूलियत देने के लिए मोटराइज्ड ट्राई साइकिल प्रदान की जा रही है। इसमें आने वाले खर्च का 60 फीसद हिस्सा केंद्र सरकार कानपुर की कंपनी के जरिए उपलब्ध कराती है, शेष धनराशि की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से की जाती है। जिले में सबसे पहले 2018 में दिव्यांगजनों को यह उपकरण दिया गया। इसके बाद जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने 80 फीसद या इससे अधिक सभी दिव्यांगजनों को ट्राईसाइकिल देने की योजना बनायी। 2019 में एक बार फिर मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल का वितरण किया गया। 2021 में 13 जनवरी को गोरखपुर महोत्सव के समापन अवसर पर जबकि चार फरवरी को चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह उपकरण वितरित किया।
दिव्यांग के पास होगी शोरूम की जिम्मेदारी
मोटराइज्ड ट्राई साइकिल की मरम्म्त के लिए खोले जाने वाले शो रूम के संचालन की जिम्मेदारी भी किसी दिव्यांग के पास होगी। जिला दिव्यांगजन कल्याण विभाग की ओर से उसे प्रशिक्षित किया जाएगा।
यह होता है लाभ
अत्यधिक दिव्यांगजनों को कहीं आने-जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। ट्राईसाइकिल को हाथ से चलाने में काफी दिक्कत होती थी। मोटराइज्ड ट्राई साइकिल की बैट्री एक बार चार्ज होने के बाद 40 किलोमीटर तक की यात्रा की जा सकती है। इसकी स्पीड भी सामान्य है। चार्जिंग की जरूरत होने पर संकेत भी मिलेगा।
जिले में करीब 500 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरित की जा चुकी है। जिलाधिकारी की मंशा है कि सभी दिव्यांगों को यह सुविधा मिले। अभी इसके मरम्मत की कोई व्यवस्था है। इसके लिए शो रूम एवं सर्विस सेंटर खुलवाने की योजना है। किसी दिव्यांग को प्रशिक्षित कर उसे शोरूम की जिम्मेदारी दी जाएगी। - नितिन सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी।
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