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    गोरखपुर के धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र में बनेगा नया बिजली घर, करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये होंगे खर्च

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 11:47 AM (IST)

    गोरखपुर के धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों के लिए भूमि आवंटित की गई है। निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए 20 एमबीए क्षमता का विद्युत उपकेंद्र बनेगा, जिस पर साढ़े आठ करोड़ रुपये खर्च होंगे। गीडा अन्य सुविधाओं की योजना भी बना रहा है, जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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    जागरण संवाददाता, सहजनवा। ग्रेटर गीडा के रूप में विकसित किए जा रहे धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र में तमाम तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए उद्योगों की निर्बाध बिजली की आपूर्ति होगी। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा), धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र के लिए 20 एमबीए क्षमता का एक नया बिजली घर का निर्माण कराने जा रहा है। इस पर करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।नया विद्युत उपकेंद्र बनने से उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति होगी।

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    गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में लगातार विकास कार्य किए जा रहे है। उद्यमियों के तरफ से जमीन की बढ़ती मांग को देखते हुए गीडा के तरफ से गोला तहसील के धुरियापार में ग्रेटर गीडा के तर्ज पर नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। गीडा की ओर से धुरियापार में दो बड़ी औद्योगिक कंपनियों को भूमि का आवंटन भी कर दिया गया है।

    गीडा दिवस के बाद जल्द ही यहां दोनों औद्योगिक इकाइयों के द्वारा मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भूमि पूजन और शिलान्यास की योजना है। ऐसे में गीडा प्रशासन यहां मूलभूत सुविधाएं पर विशेष जोर दे रहा है। इसी क्रम में यहां बड़ी क्षमता का बिजली घर बनाने की योजना तैयार की गई है।

    20 एमबीए क्षमता का विद्युत उपकेंद्र
    धुरियापार में बड़ी बड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी। ऐसे में इनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गीडा ने बड़ी क्षमता के विद्युत उपकेंद्र बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए गीडा ने कदम बढ़ाते हुए धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर 5 इंडस्ट्रियल एरिया में बीस एमबीए क्षमता का विद्युत उपकेंद्र बनाने का निर्णय लिया है।

    विकसित हो रहे नए औद्योगिक क्षेत्र धुरियापार में फैक्ट्रियों को लगाने के लिए भूमि आवंटित कर दी गई है। फैक्ट्रियों को भरपूर और निर्बाध बिजली देने के लिए 20 एमबीए क्षमता का विद्युत उपकेंद्र बनने जा रहा है। इस पर करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नया उपकेंद्र बनने से फैक्ट्रियों को बिजली आपूर्ति में दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा अन्य सुविधाओं को देने के लिए गीडा के तरफ से योजना तैयार की गई है।


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    सुरेश यादव, प्रबंधक गीडा