Indian Railways: इंटरनेट कनेक्टिविटी वीक होने से फेल हुआ एनईआर का आनलाइन सिस्टम, शो पीस बने 896 पीओएस
Railway pos system एनईआर में एक माह से एक भी टिकट चेकिंग स्टाफ पीओएस से न किसी यात्री का किराया बनाया है न जुर्माना वसूला है। जबकि गोरखपुर पूर्व के सभी 59 टिकट चेकिंग स्टाफ पीओएस लेकर चल रहे हैं। यही स्थिति लखनऊ मंडल की भी बनी हुई है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। ट्रेनों में यात्रियों से प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) के माध्यम से जुर्माने और किराये के आनलाइन भुगतान की योजना परवान चढ़ने से पहली ही धराशायी हो गई है। नए सिस्टम को लेकर संबंधित कर्मचारी और विभाग भी उदासीन बना हुआ है। एक माह से ऊपर हो गए लेकिन गोरखपुर पूर्व (वाराणसी मंडल) का एक भी टिकट चेकिंग स्टाफ पीओएस से अभी तक न किसी यात्री का किराया बनाया है न जुर्माना वसूला है। जबकि गोरखपुर पूर्व के सभी 59 टिकट चेकिंग स्टाफ पीओएस लेकर चल रहे हैं। यही स्थिति लखनऊ मंडल की भी बनी हुई है। पूर्वोत्तर रेलवे में 896 टिकट चेकिंग स्टाफ को पीओएस दी गई है।
पीओएस से एक माह में एक भी नहीं कटा है आनलाइन जुर्माना, नहीं मिल रहा इंटरनेट कनेक्शन
टिकट चेकिंग स्टाफ का आरोप है कि ट्रेनों में पीओएस का इंटरनेट कनेक्शन कभी-कभार ही पकड़ता है। ट्रेन जैसे ही गोरखपुर से आगे बढ़ती है, सिस्टम जवाब दे जाता है। पीओएस का इंटरनेट कनेक्शन टू जी है, जबकि ट्रेनों में फोर जी ही सही कार्य करता है। आम यात्री भी आनलाइन भुगतान को लेकर संकोच करते हैं। ऐसे में अभी भी एक्सेस फेयर टिकट (ईएफटी) की प्रक्रिया चल रही है। जानकारों का कहना है कि पीओएस का उपयोग नहीं होने से स्टेट बैंक प्रशासन भी बैकफुट पर आ गया है। इस योजना को बंद करने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन के संरक्षक टीएन पांडेय कहते हैं कि रेलवे प्रशासन ने बिना सोचे-समझे सिस्टम लागू कर दिया है। कुछ घंटे में ही पीओएस डिस्चार्ज हो जाती है। रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। सुरक्षा को लेकर टीटीई परेशान रहते हैं। अभी तक इसकी उपयोगिता साबित नहीं हो पाई है।
यात्री एटीएम कार्ड, पेटीएम, योनो आदि से कर सकते हैं भुगतान
यात्रियों की सुविधा व व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के टिकट चेकिंग स्टाफ को दी गई है। यहां जान लें कि पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) के सहयोग से यात्रियों की सुविधा के लिए टिकट चेकिंग स्टाफ को पीओएस मुहैया कराया है। ताकि, लोगों को रास्ते में किराये और जुर्माने के भुगतान को लेकर परेशान न होना पड़े। यात्री एटीएम कार्ड ही नहीं पेटीएम, योनो, गूगल पे और भीम एप से भी भुगतान कर सकें। जो भी भुगतान होगा, सीधे एसबीआइ के रेलवे खाता में पहुंच जाएगा। लोगों को राहत तो मिलेगी ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी। टीटीई को भी रास्ते में पैसा सहेजने और उसे काउंटर पर जमा करने से छुटकारा मिलेगा।
रेलवे प्रशासन यात्रियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के साथ व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने की दिशा में अग्रसर है। इसी क्रम में टिकट चेकिंग स्टाफ को डिजिटल माध्यम से जुर्माना लेने के लिए पीओएस दी गई हैं। प्रयास किया जा रहा है कि इसका उपयोग व्यापक रूप से हो सके। इन मशीनों का प्रयोग करने संबंधी अथवा किसी तकनीकी कमी आने के स्थिति में एसबीआई ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। जिसपर बात की जा सकती है। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।
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