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    Nepal Election 2022: नेपाल में सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे मधेशी, कम्युनिस्ट पार्टी को झटका

    By Jagran NewsEdited By: Pradeep Srivastava
    Updated: Thu, 24 Nov 2022 09:24 AM (IST)

    Nepal Election 2022 नेपाल में चुनाव के बाद मतगणना के प्रथम रुझान में मधेशी क्षेत्रों में नेपाल कम्युुनिस्ट पार्टी की उम्मीदों को झटका लगा है। नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली की पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाले प्रमुख मधेशी नेता हार के करीब पहुंच गए हैं।

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    Nepal Election 2022: नेपाल चुनाव की मतगणना के प्रथम रुझान आने शुरू हो गए हैं। - प्रतीकात्मक तस्वीर

    गोरखपुर, विश्वदीपक त्रिपाठी। भारतीय सीमा से सटे नेपाल के विभिन्न जिलों में रह रहे मधेशियों की भूमिका वहां सरकार गठन में महत्वपूर्ण होने वाली है। संघीय संसद व सात प्रांतीय विधायिकाओं के लिए हुए चुनाव की मतगणना के अब तक जो परिणाम व रुझान सामने आए हैं, उससे मधेशियों की बांछें खिल गईं हैं। चीन के प्रति झुकाव रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) के मधेश क्षेत्र में विस्तार की नीति को भी झटका लगता दिख रहा है। मतदान के बाद मतगणना का प्रथम रुझान आने के बाद से सरकार बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों ने जोड़ तोड़ शुरू कर दी है।

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    भारतीय सीमा से सटे जिलों में कम्युनिस्ट पार्टियों की विस्तार नीति को झटका

    नेपाली कांग्रेस सत्ता के करीब पहुंचती नजर आ रही है। मधेश प्रदेश के साथ ही भारतीय सीमा से सटे रुपंदेही, नवलपरासी, कपिलवस्तु, दांग, बांके व बर्दिया की 46 सीटें सरकार गठन के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इन सीटों पर कब्जा के लिए सभी पार्टियां दांव लगाती हैं। पहाड़ी क्षेत्र में बड़ा जनाधार रखने वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) ने इस बार मधेश क्षेत्र में विस्तार के लिए क्षेत्रीय मधेशी दलों से गठबंधन किया था, लेकिन उसकी यह रणनीति कामयाब होती नहीं दिख रही है।

    केपी शर्मा ओली की पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़े प्रमुख मधेशी नेता पहुंचे हार के करीब

    नेकपा एमाले के साथ गठबंध कर चुनाव लड़े जनता समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र यादव व जनता प्रगतिशील पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री हृदयेश त्रिपाठी अपने-अपने क्षेत्र में पीछे चल रहे हैं। भारतीय सीमा से सटे सप्तसरी जिला के क्षेत्र संख्या दो से 15 हजार से अधिक वोटों के अंतर से पीछे चल रहे उपेंद्र यादव के समर्थकों ने हार सुनिश्चित देख भारत पर साजिश का आरोप लगाया है। बौखलाए समर्थकों ने बुधवार को मतगणना स्थल के बाहर भारत के विरोध में नारेबाजी की।

    क्षेत्रीय से किनारा, राष्ट्रीय पार्टियों पर जताया भरोसा

    चुनाव में मधेशियों ने क्षेत्रीय पार्टियों से किनारा कर राष्ट्रीय पार्टियों पर भरोसा जताया है। क्षेत्रीय पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद इस्तियाक राई बांके क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं। लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी को भी अपेक्षित सफलता मिलती नहीं दिख रही है। अलबत्ता, थारुओं का प्रतिनिधित्व करने वाली नागरिक उनमुक्ति पार्टी ने इस चुनाव में खाता खोला है। पार्टी की नेता रंजीता श्रेण ने कैलाली क्षेत्र से जीत हासिल की है।