गोरखपुर के गूरम समय माता का महिमा है अपार, यहां मन्नत पूरी होने पर पीतल के घंटे चढ़ाते हैं भक्त
Navratri 2022 Hindi News गोरखपुर के गूरम समय माता मंदिर में नवरात्रि के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। यहां सोमवार व मंगलवार के दिन भक्तों की काफी भीड़ रहती है। भक्तों का मानना है कि यहां मांगी गई मन्नत पूरी हो जाती है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर गोरखपुर मुख्यालय से 25 किमी पर पीपीगंज- फरदहनि मार्ग के पंचगांवा-फरदहनि गांव के मध्य 200 मीटर उत्तर मां गूरम समय का मंदिर है। यहां आने-जाने के लिए मुख्यालय तथा पीपीगंज से हर समय निजी वाहन सुलभ रहते हैं। परिसर में भगवान शिव का मंदिर, धर्मशाला व यज्ञशाला भी है। यहां नवरात्र में भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ती है।
यह है मंदिर का इतिहास
मान्यता के अनुसार द्वापर युग में यहां यह सिंघोर वन था। अज्ञातवास के समय यहां पांडव विश्राम किए थे। वे वहां पिंडी बनाकर मां गूरम समय की पूजा-अर्चना किए थे। एक दंतकथा के अनुसार लगभग 200 वर्ष पहले थारुओं ने एक ही रात में 33 एकड़ का पोखरा खोद कर टीला और 25 फीट की ऊंचाई पर भव्य मंदिर का निर्माण किया था। साथ ही मिट्टी का हाथी बना कर पूजा-पाठ शुरू किया था। मंदिर वट वृक्षों से घिरा हुआ है। इसका जीर्णोद्धार 1995-96 में श्रद्धालुओं ने कराया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विधायक फतेहबहादुर सिंह के प्रयास से मंदिर का सुंदरीकरण कराया गया है।
मंदिर की विशेषता
यहां लोग सुख-शांति, समृद्धि तथा संतान प्राप्ति के लिए मन्नतें मांगते हैं। मन्नतें पूरी होने पर लोग पीतल के घंटे व हलवा-पूड़ी चढ़ाते हैं। प्रसाद श्रद्धा से ग्रहण करने के बाद घर भी ले जाते हैं। अनेक मांगलिक कार्य भी संपन्न किए जाते हैं। परिसर में भगवान शिव का मंदिर, धर्मशाला व यज्ञशाला भी है। यहां नवरात्र में भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ती है प्रत्येक सोमवार व मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी दर्शन को आते हैं।
पुजारी बोले
पुजारी सुरेंद्र नारायण द्विवेदी ने बताया कि नवरात्र के मद्देनजर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। बारी-बारी से सभी को दर्शन कराया जाता है। स्वयं सेवक लोगों का सहयोग करते हैं। सफाई नियमित होती है।
क्या कहती हैं श्रद्धालु
श्रद्धालु सुनीता मिश्रा ने बताया कि मैं लगातार 20 वर्ष से मां का दर्शन-पूजन करने आती हूं। माता सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे मन से आता है, मां उसका कष्ट हर लेती हैं, खुशियां प्रदान करती हैं।
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