National Epilepsy Day बच्चों में फास्टफूड के कारण पड़ते हैं मिर्गी के दौरे, डॉक्टर से जानें- क्या संभव है इलाज
National Epilepsy Day 2022 डॉक्टरों के अनुसार मिर्गी के 80 प्रतिशत रोगी पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। इस बीमारी के समझ आते ही रोगियों को तत्काल अस्पताल पहुंचना चाहिए। डॉक्टरों के अनुसार यह बिमारी ज्यादातर बच्चों व बुजुर्गों में पाए गए हैं।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। National Epilepsy Day 2022: मिर्गी का उपचार संभव है। जिला अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन दो-तीन रोगी आते हैं। बीआरडी मेडिकल कालेज के न्यूरो विभाग में लगभग 10 प्रतिशत रोगी इससे पीड़ित मिल रहे हैं। इनमें से 80 प्रतिशत पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। केवल उन लोगों के उपचार में कठिनाई आती है, जिन्हें सिर में चोट लगने के कुछ वर्षों बाद इस रोग की शुरुआत होती है। दिक्कत होने पर तत्काल अस्पताल पहुंचना चाहिए।
हरी सब्जियों में पाए जाते हैं मिर्गी के कीटाणु
विशेषज्ञों ने बताया कि इसके कीटाणु हरी पत्तीदार सब्जियों खासकर पालक, पत्तागोभी व फूलगोभी में पाए जाते हैं। इसलिए इन सब्जियों को पूरी तरह पकाकर खाना चाहिए। फास्ट फूड से बचें, क्योंकि इनमें इन सब्जियों को पूरी तरह पकाकर नहीं डाला जाता। इससे इस रोग के होने की आशंका रहती है। इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है।
अधपके फास्ट फूड में होता है जानलेवा टेपवर्म
विशेषज्ञों के अनुसार अधपके फास्ट फूड में जानलेवा क्रीमी टेपवर्म रहता है। जो पेट के जरिए रक्त प्रवाह से मस्तिष्क तक चला जाता है। इसके कारण दिमाग में गाठें पड़ जाती हैं। यह खून की धमिनयों को ब्लाक व मस्तिष्क की नसों को पंक्चर कर देता है। इससे ब्रेन हेमरेज भी हो सकता है। जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज पहुंच रहे रोगियों में ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग हैं। फास्टफूड, बच्चों को मिर्गी का रोगी बना रहा है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
- बीआरडी मेडिकल कालेज के न्यूरो सर्जन डॉ. सतीश नायक ने बताया कि टेपवर्म का सबसे पहला हमला आंतों पर होता है। इसके बाद यह नसों के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंच जाता है। टेपवर्म से आंतों को होने वाला संक्रमण आमतौर पर घातक नहीं होता। जबकि मस्तिष्क में इसके संक्रमण के कारण रोगी की मौत तक हो सकती है। दिक्कत होने पर तत्काल डाक्टर को दिखाएं।
- जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार शाही ने बताया कि किसी दुर्घटना के दौरान सिर में लगी चोट के कारण भी कुछ वर्षों बाद मिर्गी की समस्या हो सकती है। बच्चों में मिर्गी का मुख्य कारण आनुवंशिक या फिर मां के गर्भ में या प्रसव के दौरान किसी वजह से मस्तिष्क में खून या आक्सीजन की आपूर्ति न होना भी हो सकता है। इसका उपचार है और लोग ठीक भी हो रहे हैं।
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