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    PM Modi Birthday: नरेन्द्र मोदी... एक साधक, एक कर्मयोगी

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 03:27 PM (IST)

    इतिहास साक्षी है कि चुनौतियों से घिरे होने पर भारत ने महामानवों को जन्म दिया। उसी क्रम में वडनगर से एक साधारण परिवार का संतति उभरा जिसने संघर्ष को शक्ति में बदला। 2014 में भारत ने उन्हें प्रधानमंत्री चुना जो लोकचेतना का प्रतीक था। मोदी जी ने एकात्म मानववाद के दर्शन को नीति निर्माण का आधार बनाया। उनकी योजनाओं से गरीब और वंचित सशक्त हुए।

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    PM Modi Birthday: नरेन्द्र मोदी: एक साधक, एक कर्मयोगी

    इतिहास साक्षी है कि यह देश जब-जब चुनौतियों से घिरा, तब-तब इस धरती ने ऐसे महामानव दिए, जिन्होंने समय की धारा मोड़ दी। बीसवीं सदी के अंत और इक्कीसवीं सदी के आरंभ में जब भारत संक्रमण और असंतुलन से जूझ रहा था। ठीक इसी दौर में वडनगर से एक साधारण परिवार का संतति उभरी, जिसने संघर्ष को शक्ति और अवसर में बदला। 

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    राजनीति में भारतीय मूल्यों व जनभावनाओं को प्रतिष्ठा दी और भारत को वैश्विक मंच पर नई गरिमा व आत्मविश्वास दिलाया। आज पूरा देश उस यशस्वी नेतृत्व के जीवन की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। 

    वास्तव में, आज उनके पचहत्तर वर्ष का यह जीवन केवल व्यक्ति मात्र की यात्रा नहीं, बल्कि भारत की सामूहिक चेतना का जागरण है। मोदी जी का जीवन संघर्षों से संकल्प और संकल्प से सिद्धि की अनुपम गाथा है। उनकी जीवन यात्रा केवल राजनीतिक सफलता की कहानी नहीं, बल्कि एक प्रेरक गाथा है, जिसमें प्रत्येक अनुभव राष्ट्रसेवा की सीख बनकर आगे आया। 

    वर्ष 2014 में भारत ने उन्हें प्रधानमंत्री चुना। यह चुनाव केवल सरकार का परिवर्तन नहीं था, बल्कि लोकचेतना के उदय का प्रतीक था। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी ने शासन को नई परिभाषा दी। 

    प्रधानमंत्री मोदी जी ने दीनदयाल उपाध्याय जी के ‘एकात्म मानववाद’ के दर्शन को अपने नीति निर्माण में आधार बनाया है। उनका मानना है कि विकास केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और मानविक दृष्टि से भी होना चाहिए। 

    इसी दृष्टि से योजनाएँ गरीब और वंचित तक पहुंचती हैं, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाती हैं, और अंतिम नागरिक तक लाभ सुनिश्चित करती हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, डिजिटल क्रांति, और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलें इसी दर्शन का जीवंत प्रमाण हैं। 

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की दूरदृष्टि ने भारतीय अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन की राह प्रशस्त की है। करों के संजाल से मुक्ति दिलाकर जीएसटी लागू करना, न केवल ‘वन नेशन, वन टैक्स’ की संकल्पना को साकार करता है, बल्कि पूरे देश में आर्थिक एकता, पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा की नई संस्कृति लेकर आया। 

    इसके माध्यम से भारत का राष्ट्रीय बाज़ार एकीकृत हुआ, स्थानीय उत्पादों और उद्योगों को वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिला। मोदी जी का योगदान केवल विकास योजनाओं तक सीमित नहीं है। 

    ‘विकास भी-विरासत भी’ के मंत्र के साथ मोदी जी के नेतृत्व में पूरा भारत में एक नवीन सांस्कृतिक पुनर्जागरण का साक्षी और सहभागी बन रहा है। भारत स्व से साक्षात्कार कर रहा है। कुत्सित राजनीति के कारण अपने ही देश में उपेक्षा और तुष्टीकरण का दंश झेलने को विवश सनातन आस्था गौरवान्वित हो रही है। 

    कौन भूल सकता है 22 जनवरी 2024 का वह ऐतिहासिक अवसर जब पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प पूर्ण हुआ। इस चिरप्रतीक्षा के पूरा होने का श्रेय आदरणीय मोदी जी को ही है। 

    इसी प्रकार काशी-विश्वनाथ धाम का पुनरुद्धार, महाकाल लोक, केदारधाम पुनरोद्धार, काशी-तमिल संगमम जैसे आयोजनों के माध्यम से उत्तर और दक्षिण की सांस्कृतिक धाराओं को जोड़ना और सुनियोजित उपेक्षा और तिरस्कार से आहत पूर्वोत्तर को विकास की मुख्यधारा में लाना, ये सभी प्रयास भारत की एकात्म चेतना के पुनर्जागरण के प्रतीक बने हैं। 

    2014 में मोदी जी के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने के साथ ही भारत की विदेश नीति में क्रांतिकारी परिवर्तन को दुनिया ने देखा और सराहा है। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और हाल में ऑपरेशन सिंदूर जैसी निर्णायक कार्रवाइयों ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति अडिग है। 

    मोदी जी के नेतृत्व में देश के भीतर आर्थिक नीतियों ने भी एक नई कथा लिखी जा रही है। आधार, जनधन और मोबाइल की ट्रिनिटी ने डिजिटल क्रांति को जन्म दिया। आज भारत में UPI लेन-देन की नई परिभाषा गढ़ रहा है। 

    मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान ने युवाओं को नयी उड़ान दी। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने अंतरिक्ष में चंद्रयान और गगनयान जैसे अभियानों के माध्यम से नित नए इतिहास रचे हैं। 

    डिजिटल इंडिया के अंतर्गत भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल डेटा उपभोक्ता देश बन चुका है। डीप टेक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, 5जी, क्वांटम कंप्यूटिंग और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भारत वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है। 

    मोदी जी का नेतृत्व इस अर्थ में अद्वितीय है कि उन्होंने शासन को जन-आंदोलन में बदला। स्वच्छ भारत अभियान में बच्चे-बच्चे ने झाड़ू उठाया, जनधन योजना में गरीब ने बैंक खाता खोला, डिजिटल लेन-देन में सामान्य दुकानदार भी सहभागी बना। 

    40 वर्षों तक उत्तर प्रदेश में मासूम बच्चों के असमय काल-कवलित होने का कारक रहे इंसेफेलाइटिस का उन्मूलन संभव हुआ है तो इसके मूल में प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत मिशन की प्रेरणा ही है। महिला सशक्तिकरण पर मोदी जी ने विशेष बल दिया है। 

    संसद और विधानसभा में आरक्षण का प्रविधान इस दिशा में ऐतिहासिक कदम है। यह कितना सुंदर संयोग है कि सृष्टि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती और एक भारत-श्रेष्ठ भारत के शिल्पी यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का जन्मदिन एक ही दिवस पर होता है। दोनों ही सृजन के प्रणेता हैं, दोनों ही नवनिर्माण के संवाहक हैं। 

    आज जब मोदी जी जीवन के अमृतकाल में प्रवेश कर रहे हैं, तो यह अवसर केवल उनके जीवन का पर्व नहीं, बल्कि भारत के आत्मविश्वास का उत्सव है। प्रधानमंत्री जी के अमृतकाल के इस नवीन पर्व के शुभारंभ पर उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता की ओर से उन्हें दीर्घायु होने और यशस्वी जीवन की अनंत शुभकामनाएं प्रेषित हैं। उनका नेतृत्व और मार्गदर्शन हमें इसी प्रकार प्राप्त होता रहे, यही कामना है।

    -योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश