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    Mustard oil Price Hiked: आसमान पहुंचा सरसों तेल का भाव, एक माह के भीतर बीस रुपये प्रति लीटर बढ़ा मूल्य

    By Pradeep SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 13 Nov 2022 07:05 AM (IST)

    Mustard oil Price Hiked सरसों तेल समेत अन्य खाद्य तेलों की कीमत में भारी इजाफा हुआ है।सोया आयल हो या सरसों तेल सभी में प्रति लीटर 15 से 20 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। इसके साथ ही आटा का मूल्य भी बढ़ गया है।

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    Mustard oil Price Hiked: सरसों व अन्य खाद्य तेलों की कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महंगाई ने एक बार फिर रंग दिखाना शुरू कर दिया है। माह भीतर आटा, चावल व दाल की कीमतों में आइ तेजी से घरों में किचन का बजट बिगड़ गया है। खाद्य तेलों की लगातार बढ़ रही कीमतें आग में घी का काम कर रहीं हैं। दो हफ्ते के अंदर जहां आटे की कीमत में प्रति क्विंटल 250 से 300 रुपये की बढ़ोतरी हुई है वहीं सोया आयल हो या सरसों तेल सभी में प्रति लीटर 15 से 20 रुपये की तेजी देखी जा रही है। यूं तो तेल की कीमतों में उछाल की वजह व्यापारी रुस-यूक्रेन संकट का असर बता रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा आयात शुल्क शून्य होने के बाद भी तेल की कीमतों में तेजी रहने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

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    माह भीतर भाव में तेजी से बिगड़ा किचन का बजट

    खाद्य सामग्रियों के मूल्य में वृद्धि से कम आय, नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। आवश्यक घरेलू वस्तुओं में तेजी से लोगों के घर का बजट बिगड़ गया है। महंगाई की मार सिर्फ आटा, चावल दाल पर नहीं है बल्कि धनिया, जीरा और हल्दी ने भी अपने रिकार्ड तोड़ दिए हैं। गोलघर के किराना व्यापारी निकुंज टेकड़ीवाल ने बताया कि रोजमर्रा में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले खाद्य सामग्री आटा, चावल व दाल के भाव में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। इससे मध्यम वर्गीय परिवारों को घर चलाना मुश्किल हो गया है। अब तो लोगों ने सामानों में कटौती तक करनी शुरू कर दी है।

    दाल का मूल्य भी बढ़ा

    अरहर दाल की बाजार में पर्याप्त उपलब्धता न होने से आगे और तेजी के आसार हैं। तेल के थोक कारोबारी व चेंबर आफ ट्रेडर्स के संरक्षक मनीष चांदवासिया ने बताया कि बाहर से आयात होने वाले कच्चे माल में कमी होने तथा भाव में तेजी बनी रहने से मिले अधिक मूल्य पर तेल बेच रहीं हैं। बाजार में खाद्य तेलों की इस समय पर्याप्त उपलब्ध भी नहीं है। यही वजह है कि सरसों तेल, रिफाइन व पाम आयल में तेजी बरकरार है।

    देशी घी में भी प्रति किलो सौ रुपये की तेजी

    खाद्य तेलों के साथ-साथ देसी घी में भी माह भीतर पर प्रति किलो 100 रुपये की तेजी आई है। इससे देसी घी का सर्वाधिक इस्तेमाल करने वालों की परेशानी बढ़ गई है।

    ऐसे बढ़ी माह भीतर प्रमुख खाद्य सामग्रियों की कीमतें

    अक्टूबर 2022 नवंबर 2022

    आटा 33 रु.प्रति किग्रा 36 से 38 रुपये

    अरहर दाल 100 रु.प्रति किग्रा 120-130

    चावल बासमती 100 110

    सरसों तेल 145 165

    रिफाइन 145 160

    जीरा 250 से 280 रु.प्रति किग्रा 300 से 360 रु.प्रति किग्रा

    चूड़ा 35 से 40 रु.प्रति क्रिग्रा 45-50 रु.प्रति किग्रा।

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