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    Mulayam Singh Yadav ने जब गोरखपुर के कुलपति को हटाने के लिए कराया विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन

    By Jagran NewsEdited By: Pradeep Srivastava
    Updated: Mon, 10 Oct 2022 06:43 PM (IST)

    Mulayam Singh Yadav passed away समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव नहीं रहे। मुलायम सिंह यादव का गोरखपुर से बहुत गहरा नाता रहा है। उनके निधन से गोरखपुर में शोक की लहर है।

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    उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव। - फाइल फोटो

    गोरखपुर, डा. राकेश राय। वाकया 1989 का है। गोरखपुर विश्वविद्यालय की तत्कालीन कुलपति प्रो. प्रतिमा अस्थाना को हटाने के लिए विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने आंदोलन छेड़ रखा था। स्थानीय स्तर पर आंदोलन को निर्णायक न होता देख संघ के तत्कालीन अध्यक्ष प्रो. श्रीनारायण चतुर्वेदी और मंत्री प्रो. चित्तरंजन मिश्र ने लखनऊ जाकर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की और उनसे प्रो. अस्थाना को हटाने का अनुरोध किया। मुलायम सिंह यादव का गोरखपुर और गोरखपुर के लोगों से बहुत करीबी  नाता रहा है।

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    विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 12 में करवाया संशोधन

    मुलाकात के दौरान जब मुलायम सिंह ने कुलपति को हटाए जाने का कानून न होने की बात की तो संघ के पदाधिकारियों ने परिस्थितियों को देखते हुए कानून बनाने का अनुरोध किया। मुलायम सिंह ने इस अनुरोध को गंभीरता से लिया और विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 12 में संशोधन करवाकर 1990 में कुलपति प्रो. अस्थाना को हटाए जाने की कार्यवाही करवाई। यह संस्मरण खुद प्रकरण में शामिल प्रो. चित्तरंजन मिश्र ने सुनाया, पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देने के क्रम में जागरण से बातचीत के दौरान। उन्होंने बताया कि कुलपति को हटाने का वही नियम आज भी अस्तित्व में है।

    प्रबुद्धजनों का बहुत सम्मान करते थे मुलायम

    प्रो. चित्तरंजन मिश्र ने बताया कि मुलायम सिंह प्रबुद्धजनों का बहुत सम्मान करते थे। इससे जुड़ा एक संस्मरण साक्षा करते हुए उन्होंने बताया कि 2013 में जब पूर्वांचल के विकास का खाका तैयार करने के लिए सपा की ओर से गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रबुद्धजनों का सम्मेलन हुआ तो वह उसके संयोजक थे। सम्मेलन में मुलायम सिंह ने अपने संबोधन के दौरान मंच से पूर्वांचल के सभी बड़ी बौद्धिक हस्तियों का इस तरह से आत्मीयता के साथ नाम लिया था, जैसे वह सभी को व्यक्तिगत रूप से जानते हों। उस दौरान उनकी सांस्कृतिक अभिरुचि को लेकर काफी प्रशंसा हुई थी।

    जब बतौर मुख्यमंत्री गोरखपुर बंद का मुलायम ने किया था समर्थन

    प्रो. मिश्र ने एक अन्य संस्मरण सुनाकर मुलायम की जननेता की छवि को मजूबती देने की कोशिश की। बताया कि 2004 से 2007 के बीच शिक्षक नेता पंचानन राय के नेतृत्व से गोरखपुर में माध्यमिक शिक्षक संघ का एक सम्मेलन आयोजित हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर उसमें हिस्सा लेने आए थे। मंच पर चढ़ने के दौरान एक व्यक्ति ने मुलायम से पूछा कि आज बिजली व्यवस्था को लेकर आज गोरखपुर बंद है। क्या उन्हें इस बात की जानकारी है? इसपर मुलायम से कहा कि उन्हें यह पता है और लोकतंत्र में यह अधिकार हर नागरिक को प्राप्त है। लखनऊ पहुंचकर मैं इस समस्या के समाधान का प्रयास करुंगा। बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश में आंदोलन का समर्थन करने की बात सुनकर लोगों को उस समय बहुत आश्चर्य हुआ था।

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