यूपी में वृद्धाश्रम में मां ने तोड़ा दम, बेटे ने शव लेने से किया इनकार और कह दी ये बात
गोरखपुर की शोभा देवी की वृद्धाश्रम में मृत्यु हो गई। बेटों पर आरोप है कि उन्होंने घर में शादी का हवाला देकर शव लेने से मना कर दिया। शव को दफना दिया गया, जिससे पति भुआल गुप्ता दुखी हैं, जिन्होंने पहले आत्महत्या करने की कोशिश की थी। बाद में भुआल ने कहा कि शादी के कारण शव दफनाना पड़ा और बाद में प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, जौनपुर। गोरखपुर के कैंपियरगंज की 65 वर्षीया शोभा देवी जीवन के अंतिम पड़ाव में जौनपुर के एक वृद्धाश्रम में सहारा ढूंढ रहीं थीं। आरोप है कि उन्हें मौत के बाद भी वह सम्मान नहीं मिला, जिसकी हकदार हर मां होती हैं। बीमारी के चलते 20 नवंबर को उनकी मौत हो गई। आरोप है कि बेटों ने घर में शादी का हवाला देकर मां के शव को ले जाने से इंकार कर दिया।
आश्रम प्रबंधन को बड़े बेटे ने मां के शव को चार दिन डीप फ्रीजर में रखने कहा। केयर टेकर रवि चौबे व रिश्तेदारों के प्रयास से किसी तरह शव गोरखपुर भेजा गया। वहां अंतिम संस्कार के बजाय मां के शव को दफना दिया गया। कहा कि चार दिन बाद मिट्टी से निकालकर संस्कार करेंगे।
पति भुआल गुप्ता का कहना था कि चार दिन में शव कीड़े खा जाएंगे, फिर कौन-सा संस्कार होगा। क्या इसी दिन के लिए हमने बच्चों को पाला था। घरेलू विवाद के चलते दो साल पहले घर से निकाल दिया। इसके बाद भुआल पत्नी के साथ आत्महत्या करने राजघाट पहुंचे थे। किसी ने समझाया तो जौनपुर के वृद्धाश्रम में शरण मिली।
गोरखपुर आने के बाद भुआल ने बदला बयान
पत्नी का शव गोरखपुर लाने के बाद भुआल गुप्ता ने अपने बयान को बदल दिया। उसने कहा कि घर में चार और पांच दिसंबर को शादी थी। इससे शव को दफन करना पड़ा। शादी संपन्न हो जाने के बाद पत्नी का प्रतिकात्मक पुतला तैयार कर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
भुआल ने कहा कि बेटे द्वारा शव नहीं लेने की बाद निराधार है। कर्ज लेने की बात पर भुआल ने कहा कि मंगलवार को घर पंचायत बैठेगी। उसने कर्ज जरूर लिया है, कहा खर्च किया है, पंचायत में रखेगा। वर्तमान में उसके ऊपर ढाई लाख रुपये का कर्ज है। हम कर्ज नहीं चुकता कर पाए तो अब हम अकेले है, पत्नी की जिम्मेदारी हमारे ऊपर नहीं है।

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