Milk Test in UP: यह दूध नहीं है 'वंडरफुल', जांच कर पीएं 'ग्लास फुल'
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. ओंकार राय ने कहा कि दूध में पानी मिलने से पोषक तत्व नहीं मिल पाते। सोडा मिले दूध के उपयोग से पेट में अल्सर होने का खतरा रहता है। बच्चों में उल्टी दस्त-पेट में दर्द की शिकायत होती है। प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर दूध में अम्लीय सोडा मिलाने से पाचन संबंधी समस्या होती है। शुद्ध दूध का ही सेवन करें। इसकी जांच भी करा लें।

दुर्गेश त्रिपाठी, गोरखपुर। दूध पीने को प्रोत्साहित करने के लिए एक पंच लाइन (गीत) सभी ने खूब सुना होगा, 'दूध है वंडरफुल पी सकते हो रोज ए ग्लासफुल।' किसी समय दूध की महत्ता बताने के लिए इससे अच्छी लाइनें नहीं होती थीं।
भले ही एक कंपनी अपने दुग्ध उत्पादों का प्रचार करने के लिए यह लाइनें रेडियाे और टीवी के माध्यम से लोगों के बीच लेकर जाती थीं लेकिन दूध पीने का लाभ सभी को मिलता था लेकिन अब दूध पहले की तरह नहीं रह गया है। बात गोरखपुर जिले की करें तो दूध और दूध से बने उत्पादों में इतनी मिलावट मिल रही है कि इसके स्वास्थ्यवर्धक होने की बात बेमानी लगने लगी है।
खाद्य सुरक्षा प्रशासन की जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है, मिलावट की हकीकत तेजी से सामने आ रही है। जिन दूधियों ने दूध में पानी न मिलाने की कसम खायी, उनके दूध की जांच में न सिर्फ पानी मिला वरन सोडा भी मिला था।
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इतना ही नहीं दूध से वसा यानी फैट भी निकाल लिया गया था। यानी इस दूध के उपभोग का मानव शरीर पर सिर्फ बुरा असर ही पड़ना है, इससे न तो हड्डी मजबूत होगी और न ही शरीर को अन्य पोषक तत्व ही मिलेंगे।
यह है दूध की हकीकत
वर्ष | दूध | फेल दुग्ध | उत्पाद | फेल |
2022-23 | 98 | 60 | 95 | 34 |
2023-24 | 103 | 55 | 124 | 62 |
2024-25 | 16 | 08 | 23 | 09 |
कुल | 217 | 123 | 242 | 105 |
सौ एमएल दूध ले आइए, एक मिनट में जांच कराइए
खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने दूध और दूध से बने उत्पादों व अन्य खाद्य उत्पादों की जांच का अभियान तेज कर दिया है। कोई भी व्यक्ति अपने घर आने वाले दूध, दूध से बने उत्पाद आदि की निश्शुल्क जांच करा सकता है। यदि दूध की गुणवत्ता पर शक है तो घर से स्टील के बर्तन में कम से कम सौ मिलीलीटर दूध लेकर टाउनहाल स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय आ जाइए।
यहां दाे मिनट में पता चल जाएगा कि दूध शुद्ध है या मिलावटी। इसके साथ ही दूध से बने उत्पादों की जांच के लिए कम से कम सौ ग्राम उत्पाद लेकर आना होगा। आधे घंटे में जांच की रिपोर्ट मिल जाएगी। अन्य खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट दो दिन में मिलेगी। खाद्य विभाग खुद भी जांच के लिए वाहन लेकर रोजाना अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंच रहा है।
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एक वर्ष में इतना जुर्माना
वर्ष 2023-24 में फेल हुए दूध के 20 नमूनों के मामले में कोर्ट के निर्णय के बाद एक लाख 78 हजार पांच सौ रुपये जमा कराए गए। दूध से बने 21 उत्पादों के मामलों में दो लाख 22 हजार रुपये जुर्माना जमा कराए गए।
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि दूध, दूध से बने उत्पादों व अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट की सूचना विभाग के वाट्सएप नंबर - 9415331893 पर दी जा सकती है। नागरिक खुद भी इनकी जांच के लिए नमूना लेकर कार्यालय आ सकते हैं। सभी को जांच करानी चाहिए क्योंकि वह व उनका परिवार क्या खा रहा है, इसकी जानकारी होनी चाहिए।
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