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    MMMUT गोरखपुर में रैगिंग रोकने का प्लान तैयार, बस से लेकर हास्टल तक रखी जाएगी पैनी नजर; पकड़े गए तो खैर नहीं

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Thu, 12 Oct 2023 07:51 AM (IST)

    एमएमएमयूटी की एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक में रैगिंग रोकने की रणनीति बनी। कमेटी के सदस्यों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस दौरान रैगिंग रोकने के लिए विश्वविद्यालय की बस से लेकर क्लास लाइब्रेरी कैंटीन हास्टल तक पर पैनी नजर रखे जाने को लेकर निर्णय लिया गया। यह भी चेतावनी दी कि कोई सीनियर छात्र रैगिंग करते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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    एमएमएमयूटी की एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक में बनी रैगिंग रोकने की रणनीति। (फाइल)

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सभी पाठ्यक्रमों में सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के बाद मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने हमेशा की तरह परिसर को रैगिंग फ्री करने की तैयारी शुरू कर दी है। दो दिन पहले विश्वविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी का गठन हुआ और बुधवार को कमेटी की बैठक बुलाकर रैगिंग रोकने की रणनीति बनाई गई। बैठक में तय हुआ कि रैगिंग रोकने के लिए विश्वविद्यालय की बस से लेकर, क्लास, लाइब्रेरी कैंटीन, हास्टल तक पर पैनी नजर रखी जाएगी। इसे लेकर 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।

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    विश्वविद्यालय द्वारा की गई व्यवस्था और योजना की दी गई जानकारी

    मीटिंग की शुरुआत में अधिष्ठाता छात्र प्रो. एएन तिवारी ने रैगिंग को लेकर विश्वविद्यालय में बनाए गए दंड प्रविधान की जानकारी दी। साथ ही यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई सीनियर छात्र रैगिंग करते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ करियर प्रभावित होने जैसी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसी क्रम में प्राक्टर प्रो. एके पांडेय ने रैगिंग को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा की गई व्यवस्था और योजना की जानकारी दी। सभी शिक्षकों और सीनियर छात्रों से इसमें सहयोग की अपील की। प्रो. पांडेय ने जब कमेटी के सदस्यों से परिसर को रैगिंग फ्री करने की व्यवस्था को लेकर सुझाव मांगे तो सदस्य मांधाता सिंह ने परिसर में एक काउंसलर की तैनाती का सुझाव दिया।

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    प्राक्टर ने इस प्रक्रिया आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया। एक अन्य सदस्य ने रैगिंग रोकने में एलुमिनाई और सीनियर छात्रों से सहयोग लेने का सुझाव दिया तो सभी ने इसका स्वागत किया। कमेटी में शामिल एक सीनियर छात्र ने जब रैगिंग की शिकायत के लिए सुगम आनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की मांग उठाई तो उसे भी सभी ने सहर्ष स्वीकार किया। बैठक में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष और विश्वविद्यालय के सीनियर छात्र मौजूद रहे।