गोरखपुर में भी होगी मेमू ट्रेनों की मरम्मत, वार्षिक लक्ष्य निर्धारित Gorakhpur News
गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं अन्य जोन में चलने वाली मेमू ट्रेनों की भी मरम्मत की जाएगी। बोर्ड ने एक वर्ष में मेमू ट्रेनों की 100 रेक की मरम्मत का लक्ष्य निर्धारित किया है।

गोरखपुर, जेएनएन। पूवोत्तर रेलवे ही नहीं आसपास के जोन में इलेक्ट्रिक से चलने वाली मेमू ट्रेनों (मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) का संचालन अब प्रभावित नहीं होगा। रेलवे प्रशासन को इन ट्रेनों की मरम्मत के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गोरखपुर स्थित यांत्रिक कारखाने में ही कोचों और वैगनों की तरह मेमू ट्रेनों की भी मरम्मत हो जाएगी। फिलहाल, कारखाने में मेमू ट्रेन की पहली रेक पहुंच गई है। मरम्मत कार्य भी शुरू हो चुका है।
एक वर्ष में 100 मेमू ट्रेनों की मरम्मत का लक्ष्य
कंडम कोचों से ऑटोमोबाइल ढुलाई के लिए अति आधुनिक वैगन बनाने वाले यांत्रिक कारखाने के इंजीनियरों पर भरोसा जताते हुए रेलवे बोर्ड ने मेमू ट्रेनों की मरम्मत व रखरखाव की भी जिम्मेदारी सौंपी है। कारखाने के सहायक कार्य प्रबंधक अनुज मिश्रा के अनुसार गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं अन्य जोन में चलने वाली मेमू ट्रेनों की भी मरम्मत की जाएगी। बोर्ड ने एक वर्ष में मेमू ट्रेनों की 100 रेक की मरम्मत का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में कारखाने में पारंपरिक के अलावा एक माह में 22 लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोचों की मरम्मत की जा रही है। साथ ही कंडम कोचों को वैगन के रूप में परिवर्तित भी किया जा रहा है।
स्टेशन यार्ड से कारखाने तक तैयार की गई अलग रेल लाइन
मेमू ट्रेनों के लिए गोरखपुर स्टेशन यार्ड से कारखाने तक पहुंचाने के लिए एक अलग रेल लाइन तैयार की गई है। स्टेशन यार्ड में भी ट्रेनों का रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है। ताकि, कारखाने से निकलने के बाद ट्रेनों को लोको पायलट भी अपने स्तर से परख सकें। दरअसल, मेमू में अलग से इंजन नहीं होता। कोच में ही इंजन संबद्ध होते हैं। 9 और 12 कोच वाले दो तरह की मेमू ट्रेनें होती हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे के तीन रूटों पर चलती है मेमू ट्रेनें
पूर्वोत्तर रेलवे के तीन रूटों पर मेमू ट्रेनें चलती हैं। छपरा-बलिया-वाराणसी और बाराबंकी-लखनऊ जंक्शन मार्ग पर तीन-तीन तथा कानपुर अनवरगंज-कल्याणपुर मार्ग पर दो जोड़ी मेमू ट्रेन चल रही हैं। आने वाले दिनों में पैसेंजर ट्रेनों की जगह मेमू ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं। तेजी के साथ रेल लाइनों का विद्युतीकरण हो रहा है।
खड्गपुर होती है मेमू ट्रेनों की मरम्मत
मेमू ट्रेनों को मरम्मत के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे के खड्गपुर में भेजना पड़ता था। समय से मरम्मत नहीं होने के चलते मेमू ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता था। प्रत्येक 18 माह पर रेक की मरम्मत अनिवार्य होती है। पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि पूर्वोत्तर रेलवे का गोरखपुर पहला यांत्रिक कारखाना है जहां मेमू ट्रेनों की भी मरम्मत होगी। कारखाने की क्षमता का विस्तार हो रहा है। कर्मचारियों के लिए भी यह एक अवसर है। वे सभी तरह की रेक की मरम्मत के लिए प्रशिक्षित हो जाएंगे।

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