Mauni Amavasya 2023 पर गोरखपुर मंडल में उमड़ा आस्था का सैलाब, राप्ती व छोटी गंडक नदी में भक्तों ने लगाई डुबकी
Mauni Amavasya 2023 गोरखपुर के राप्ती तट के दोनों घाटों पर भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। वहीं हेतिमपुर स्थित छोटी गंडक में स्नान करने के लिए भक्तों का रेला लगा रहा। भक्तों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किया गया था।

गोरखपुर, जेएनएन। मौनी अमावस्या पर्व पर गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में राप्ती समेत सभी पावन नदियों में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान भक्तों ने स्नान-दान करने के बाद घाटों पर लगे मेले का भी आनंद उठाया। स्नान घाटों पर स्नानार्थियों की सुविधाओं व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। नदी में रस्सी लगाकर बैरिकेडिंग की गई थी, ताकि श्रद्धालु गहरे पानी में न जा सकें।
गोरखपुर में राप्ती तट पर लगा श्रद्धालुओं का रेला
राप्ती तट के राम घाट व गुरु गोरखनाथ घाट पर शनिवार की भोर से ही श्रद्धालुओं के स्नान-ध्यान का सिलसिला शुरू हुआ। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्योदय से लेकर पूरे दिन अमावस्या तिथि है। ऐसे में स्नानार्थियों के स्नान-ध्यान का क्रम जारी है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक सरयू समेत विभिन्न नदियों के तट पर पहुंच कर श्रद्धालुओं ने स्नान कर दीपदान किया। बता दें कि मौनी अमावस्या पर्व के एक दिन पूर्व ही नगर निगम ने राप्ती तट के राम घाट व गुरु गोरखनाथ घाट की सफाई करा दी थी। बिजली व्यवस्था ठीक कराने के साथ ही सुरक्षा के लिए भी इंतजाम किया गया। नदी में रस्सी लगाकर बैरिकेडिंग की गई थी, ऐसे में श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोका गया।
कुशीनगर में छोटी गंडक में स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु
माघी (मौनी) अमावस्या के अवसर पर शनिवार को सुबह हेतिमपुर स्थित छोटी गंडक में स्नान करने के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों महिला-पुरूष श्रद्धालुओं ने स्नान कर दान किया। इस दौरान तट पर लगे मेले का भी लोगों ने लुफ्त उठाया। व्यवस्था बनाने के लिए कुशीनगर व देवरिया जिले की पुलिस तैनात रही। सनातन धर्म में इस अवसर पर नदियों में स्नान का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व बताया है। माना जाता है कि इस दिन के गृह योग से गंगा का जल अमृत समान हो जाता है। इसमें स्नान से न सिर्फ पाप धुलते हैं बल्कि आरोग्य भी बढ़ता है। दान-पुण्य का फल सतयुग के ताप के बराबर मिलता है। स्नान के लिए सोमवार की आधी रात से ही नदी किनारे श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए थे। भोर होने के साथ ही उन्होंने स्नान शुरू कर दिया। श्रद्धालुओं ने विधि विधान से पूजन भी किया। इसके बाद जरूरतमंदों को अंग वस्त्र आदि दान किया। कड़ाके की ठंड में लोगों की आस्था देखते ही बन रही थी। क्षेत्र के सेमरा उर्फ झुंगवा, रैयापार, रामघाट, सोहसा मठिया घाट, जोकवा के धुनवलिया आदि स्थानों पर भी लोगों ने स्नान किया और मेले का आनंद लिया।
देवरिया में मौन स्नान करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
हेतिमपुर छोटी गंडक नदी घाट समेत देवरिया जिले के विभिन्न घाटों पर शनिवार को मौनी अमावस्या पर्व पर सुबह से ही हजारों की संख्या में मौन स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी। श्रद्धालुओं ने मौन रहकर स्नान-ध्यान किया। मौन स्नान करने के बाद नदी घाट पर लगी दुकानों से महिलाओं ने जमकर खरीदारी भी की। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किए हुए थे।
यह है मान्यता
पं. शरदचंद्र मिश्र व पं. नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। यह शनि अमावस है। इसलिए शनि ग्रह के समस्त दोषों के शमन के लिए यह तिथि प्रशस्त है। इस तिथि को ही द्वापर युग की शुरुआत हुई थी। सनातन धर्म में माघ मास को शुद्ध और पवित्र महीना माना गया है। इस दिन मौन रहकर गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। इससे अनेक प्रकार के कष्टों और रोगों से मुक्ति मिलती है।
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