गोरखपुर में एक हजार जोड़ों का होगा विवाह, सीएम योगी आदित्यनाथ भी रहेंगे शामिल
Mass Marriage in Gorakhpur सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गोरखपुर में एक हजार जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन होगा। इच्छुक लोगों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं और समय से उनकी पात्रता का परीक्षण भी करने का निर्देश जिलाधिकारी की ओर से दिया गया है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सामूहिक विवाह इस बार अलग-अलग मुहूर्त पर कराया जाएगा। सबके लिए अंतिम तिथि भी अलग है। आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। वर्ष 2022 में दो जबकि 2023 में तीन मुहूर्त पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित होंगे। 28 नवंबर को जिला स्तर पर वृहद सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी है, जिसमें एक हजार जोड़ों का विवाह कराया जाएगा। इस समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित रहेंगे और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देंगे।
अलग-अलग मुहूर्त पर आयोजित किए जाएंगे सामूहिक विवाह कार्यक्रम
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि शासन के निर्देश पर हर महीने सामूहिक विवाह पखवारा आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष 28 नवंबर एवं 14 दिसंबर को सामूहिक विवाह की तिथि निर्धारित की गई है। वर्ष 2023 में 28 जनवरी, 22 फरवरी व 13 मार्च को सामूहिक विवाह कराने का निर्णय लिया गया है। इस साल की पहले आयोजन के लिए 11 नवंबर तक तथा दूसरे आयोजन के लिए 20 नवंबर तक आवेदन किए जा सकेंगे। इसी तरह जनवरी महीने के आयोजन के लिए 10 दिसंबर, फरवरी महीने के लिए 22 जनवरी व मार्च में आयोजित होने वाले समारोह के लिए 28 फरवरी तक आवेदन किया जा सकेगा। सामूहिक विवाह के लिए आवेदन पत्र खंड विकास अधिकारी (बीडीओ), उप जिलाधिकारी, नगर आयुक्त या नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी के कार्यालय में जमा कराया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में भव्य होगा कार्यक्रम
जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में भव्य कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। इच्छुक लोगों से आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं और समय से उनकी पात्रता का परीक्षण भी करने का निर्देश जिलाधिकारी की ओर से दिया गया है।
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में प्रतिभाग के लिए यह है पात्रता
लड़की के परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये तक होनी चाहिए। लड़की की उम्र 18 एवं लड़के की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए। सामूहिक विवाह में विधवा, परित्यक्ता या तलाकशुदा (जिसका कानूनी रूप से तलाक हो गया हो) के पुनर्विवाह की व्यवस्था भी है। इस आयोजन में विवाह के लिए निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांगजन अभिभावक की पुत्री एवं ऐसी कन्या जो स्वयं दिव्यांग हो, को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।