Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कुपवाड़ा में शहीद हुए जवान का गोरखपुर में हुआ अंतिम संस्कार, पिता ने नम आंखों से दी बहादुर बेटे को मुखाग्नि

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jul 2022 08:37 PM (IST)

    Martyr rishikesh chaube Funeral गोरखपुर शहर के राजघाट के राप्ती तट पर शहीद जवान का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनके पिता ने नम आंखों से हाथ में तिरंगा लिए बेटे को अंतिम विदाई दी।

    Hero Image
    शहीद ऋषिकेश के अंतिम विदाई में शामिल सेना के जवान व अन्य लोग। फोटो- पंकज श्रीवास्तव।

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। श्रीनगर के कुपवाड़ा में मोर्टार गिरने से शहीद हुए देवरिया के लाल सेना के जवान ऋषिकेश चौबे का अंतिम संस्कार गुरुवार की शाम गोरखपुर के राजघाट पर हुआ। उनका पार्थिव शरीर दोपहर बाद गोरखपुर पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। उनके पैतृक गांव सोहनपुर से सुबह से ही बड़ी तादाद में ग्रामीण गोरखपुर आवास पर पहुंच गए थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई: सेना के जवान देवरिया जिले के लाल ऋषिकेश का पार्थिव शरीर दोपहर बाग गोरखपुर लाया गया। इसके बाद उने आवास से ही अंतिम यात्रा निकाली गई। नम आंखों के साथ तमाम लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और भारत माता का जयघोष होता रहा। इस दौरान देशभक्ति के गीत भी गाए गए। राजघाट के राप्ती तट पर शहीद ऋषिकेश का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ।

    अंतिम दर्शन के लिए उमड़े लोग: बता दें कि शहीद जवान की अंतिम विदाई के लिए उनके पैतृक क्षेत्र व जनपद के लोग उमड़ पड़े। जैसे ही लोगों को पता चला कि शहीद जवान का पार्थिव शरीर आवास पर आ गया है, वैसे ही बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। हालांकि उनके पैतृक गांव से सुबह से ही लोग आकर इंतजार कर रहे थे।

    देवरिया के थे ऋषिकेश: देवरिया जिले के बनकटा थाना क्षेत्र के सोहनपुर गांव के रहने वाले ऋषिकेश चौबे सेना में जवान थे। वह श्रीनगर के कुपवाड़ा में तैनात थे। बुधवार की शाम करीब 4:45 बजे मोर्टार गिरने से वह शहीद हो गए। सेना के अधिकारी ने बलिदान होने की जानकारी पिता राजेश चौबे को दी। बलिदानी ऋषिकेश चौबे का पूरा परिवार गोरखपुर जनपद के राम अवध नगर फेज टू जंगल सिकरी खोराबार में रहता है। बलिदान होने की सूचना मिलने के बाद स्वजन में चीख पुकार मच गई।

    बदहवास हुईं मां और पत्नी: शहीद होने की खबर सुनते ही बलिदानी की मां व पत्नी बदहवास हो गईं। रिश्तेदार व गांव के लोग उन्हें ढांढस बंधाते रहे। वहीं देर रात से ही सभी लोग पार्थिव शरीर आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। वहीं बुधवार को पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद राजघाट पर राप्ती नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया।

    चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे ऋषिकेश: बलिदानी ऋषिकेश चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता राजेश चौबे भी सेना से तीन साल पहले सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके तीन चाचा भी सेना में हैं।