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    गोरखपुर में खुलेगा महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, पढ़ाए जाएंगे ये विषय

    By Satish chand shuklaEdited By:
    Updated: Sat, 23 Jan 2021 05:20 PM (IST)

    निरीक्षण में समिति ने पाया कि निजी विश्वविद्यालय के मानक पर व्यवस्था पूरी कर ली गई है। प्रस्तावित विश्वविद्यालय का भवन अत्याधुनिक है और गुरु श्रीगोरक्षनाथ नर्सिंग कालेज नाम से एक कालेज पहले से संचालित है। समिति ने रिपोर्ट बनाकर शासन को प्रेषित कर दी है।

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    महा योगी गुरु गोरक्ष नाथ की तस्‍वीर।

    गोरखपुर, जेएनएन। बहुत जल्द पूर्वांचल के युवाओं को उच्‍च शिक्षा में अध्ययन के लिए एक और विकल्प मिलने जा रहा है। गोरखपुर में महायोगी गोरखनाथ निजी विश्वविद्यालय का स्थापना होने जा रहा है। शासन स्तर पर इसकी स्थापना का रास्ता साफ होने लगा है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में शासन की ओर से गठित पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को श्रीगोरक्षनाथ चिकित्सालय द्वारा प्रस्तावित स्थल का मौका मुआयना किया। मुआयना में प्रस्तावित विश्वविद्यालय शासन के मानक पर खरा मिला।

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    पांच सदस्‍यीय समिति ने किया मुआयना

    पांच सदस्‍यीय समिति ने निरीक्षण के दौरान भूमि की उपलब्धता, भवनों तथा अवसंरचनात्मक सुविधा, शिक्षण और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की स्थिति, विकास संबंधी लक्ष्यों और नियोजन संबंधी आवश्यकताओं का प्रस्तावित पाठ्यक्रमवार गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण में समिति ने पाया कि निजी विश्वविद्यालय के मानक पर व्यवस्था पूरी कर ली गई है। प्रस्तावित विश्वविद्यालय का भवन अत्याधुनिक है और गुरु श्रीगोरक्षनाथ नर्सिंग कालेज नाम से एक कालेज पहले से संचालित है। समिति ने रिपोर्ट बनाकर शासन को प्रेषित कर दी है।

    पांच सदस्‍यीय समिति में ये लोग हैं शामिल

    पांच सदस्यीय समिति में कुलपति के अलावा उच्‍च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव श्रवण कुमार सिंह, जिलाधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी, गोरखपुर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी शामिल हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव समिति के सदस्य सचिव हैं।

    विश्वविद्यालय में चलाए संचालित होंगे मुख्य रूप से यह पाठ्यक्रम

    महायोगी गोरखनाथ निजी विश्वविद्यालय में बीएससी नर्सिंग, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीडीएस, एमबीबीएस, बीफार्मा, डीफार्मा, बीएससी एलटी, बीएससी एजी, बीए आनर्स, बीएससी आनर्स, बीकाम, बीएड, बीएससी-बीएड, बीए-बीएड, बीपीएड आदि पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।

    अंशकालिक प्रशिक्षक के लिए जेम पोर्टल पर कराना होगा पंजीकरण

    पिछले वर्ष मार्च से ही बंद चल रहे खेलों के कारण बेरोजगार हुए अंशकालिक प्रशिक्षकों के अच्छे दिन आने वाले हैं। इसको लेकर खेल निदेशालय ने एक योजना बनाई है। इस बार प्रशिक्षण के लिए 15 से अधिक नई खेलों को भी शामिल किया गया है। अब तक करीब दर्जन भर खेलों का ही प्रशिक्षण दिया जाता था। वहीं प्रशिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। खेल निदेशालय के निर्देशों के मुताबिक अब अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों की नियुक्ति खेल विभाग से नहीं होगी। प्रशिक्षक पद के अभ्यर्थियों को पहले सेवायोजन विभाग में अपना पंजीकरण कराना होगा। उसके बाद जेम पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। अंशकालिक प्रशिक्षकों के लिए कई योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों के ट्रायल में भाग लेने के लिए खेलो इंडिया ऐप पर पंजीकरण अनिवार्य होगा। रीजनल स्टेडियम में होने वाले प्रशिक्षण शिविरों के लिए अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षकों की उम्र 25 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। अंशकालिक मानदेय प्रशिक्षक के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक एवं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के लिए इण्टरमीडिएट होनी चाहिए। क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी एके पाण्डेय ने बताया कि अंशकालिक प्रशिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यॢथयों को सेवायोजन विभाग में पंजीकरण कराने के बाद जेम पोर्टल पर आवेदन करना होगा।