Mafia Rajan Tiwari: गुम हो गई गोरखपुर के टॉप-10 माफियाओं में शुमार राजन तिवारी के अपराधों की दो फाइल
लखनऊ के हजरतगंज गाजीपुर व कैसरबाग थाने में माफिया राजन तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पैरवी के दौरान दो फाइलों के गुम होने की बात सामने आई तो हड़कंप मच गया। डीजी विशेष कानून- व्यवस्था ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है।
गोरखपुर, सतीश पांडेय। गोरखपुर जिले के टाप 10 व प्रदेश के 61 माफिया की सूची में शामिल माफिया व पूर्व विधायक राजन तिवारी के अपराधों की दो फाइल लखनऊ से गुम हो गई है। पैरवी के दौरान जानकारी होने के बाद हड़कंप मचा है। विशेष डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिख कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ के हजरतगंज, कैसरबाग और गाजीपुर थाने में वर्ष 1997 व 1998 में राजन के विरुद्ध अपहरण, हत्या व साजिश रचने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
यह है पूरा मामला
मूल रूप से गगहा के सोहगौरा गांव का रहने वाले राजन तिवारी पर गोरखपुर के अलावा लखनऊ में उसके विरुद्ध हत्या, अपहरण, रंगदारी, गुंडा व गैंगस्टर एक्ट के कई मुकदमे हैं। माफिया पर दर्ज मुकदमों में सजा दिलाने के लिए पुलिस उसके विरुद्ध न्यायालय में पैरवी कर रही है। पुरानी पत्रावली की खोजबीन करने पर पता चला कि वर्ष 1997 में लखनऊ के गाजीपुर व कैसरबाग थाने में राजन के विरुद्ध हत्या व हत्या की साजिश रचने, 1998 में हजरतगंज थाने में अपहरण व हत्या करने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
इन मुकदमों में प्रभावी पैरवी करके माफिया को सजा दिलाने की पहल हुई तो पता चला कि गाजीपुर व हजरतगंज थाने में दर्ज मुकदमे की पत्रावली गुम हो गई है। इसकी जानकारी होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। डीजी विशेष काननू-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिखकर माफिया के पत्रावली गुम होने के मामले में जांच कराकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
18 अगस्त को कैंट पुलिस ने भेजा था जेल
गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में गैर जमानती वारंट जारी होने पर कैंट थाना पुलिस ने 18 अगस्त, 2022 को माफिया राजन तिवारी को रक्सौल के पास गिरफ्तार किया। वह नेपाल भागने की फिराक में था। जेल जाते समय राजन तिवारी पुलिसकर्मियों से भिड़ गया और जान से मारने की धमकी देने लगा। पुलिसकर्मियों ने कैंट थाने में उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। प्रशासनिक आधार पर दो दिन बाद राजन तिवारी को गोरखपुर से फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया, जहां से वह जमानत पर छूटा।
पूर्वी चंपारण में रहता है माफिया राजन
90 के दशक के कुख्यात बदमाश श्रीप्रकाश शुक्ला के संगत में आकर अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बनाने वाला राजन तिवारी पूर्वांचल और बिहार में दहशत पर्याय रहा है। गोरखपुर व आसपास के जिलों से लेकर बिहार तक इसके नाम की दहशत है। शिकंजा कसने पर वह बिहार चला गया। पिछले दो दशक से पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले के गोविंदगंज में रहता है और यहीं से विधायक भी चुना गया था।
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