गोरखपुर बौद्ध संग्रहालय में संरक्षित की जाएगी भगवान विष्णु की मूर्ति, मिट्टी निकालते समय मिली थी प्रतीमा
जिले के गोला क्षेत्र में मिट्टी निकालते समय मिली भगवान विष्णु की पुरातात्विक मूर्ति संरक्षण के लिए राजकीय बौद्ध संग्रहालय लाई जाएगी। इसके लिए इंटेक की पहल पर पुरातत्व विभाग व संग्रहालय प्रशासन ने कार्यवागी शुरू कर दी है।

गोरखपुर, जागरण टीम। गोरखपुर जिले के गोला क्षेत्र के आनंदगढ़ गांव के कोड़ार उर्फ बघोर टीले से मिट्टी निकालते समय बीते दिनों मिली भगवान विष्णु की पुरातात्विक मूर्ति संरक्षण के लिए राजकीय बौद्ध संग्रहालय लाई जाएगी। इंटेक की पहल पर और जिलाधिकारी के निर्देश पर पुरातत्व विभाग और संग्रहालय प्रशासन ने इसे लेकर कार्यवाही शुरू कर दी है। मूर्ति को संग्रहालय तक पहुंचाने के बाद पुरातत्व विभाग ने ऐतिहासिक दृष्टि से उस स्थल के सर्वेक्षण की योजना भी बनाई है। यदि सर्वेक्षण के दौरान टीले से और भी पुरातात्विक साक्ष्य मिलने की संभावना दिखती है तो विभाग उसकी खोदाई भी करवाएगा।
ऐसे मिली मूर्ति: कोड़ार उर्फ बघोर टीले का बीते सप्ताह समतलीकरण किया जा रहा था। इसी दौरान मिट्टी में दबी एक मूर्ति दिखी, जिसको सुरक्षित ढंग से निकाला गया। मूर्ति में भगवान विष्णु के अलावा लक्ष्मी, हनुमान, गणेश आदि देवताओं को भी स्थान दिया गया है। मूर्ति को साफ करने के बाद ग्रामीणों ने उसे बगल के भटनीपार गांव के व्यायामशाला में रख दिया और पूजा-अर्चना शुरू कर दी। पर जल्द ही ग्रामीणों को मूर्ति के बेशकीमती होने का अहसास होने लगा तो वह संरक्षण की मांग करने लगे। उधर राजकीय बौद्ध संग्रहालय के उप निदेशक डा. मनोज कुमार गौतम ने मूर्ति के प्रारूप को देखकर प्रथमदृष्टया इसे आठवी-नवीं शताब्दी का बताया। इस आधार पर लाल बलुआ पत्थर की आकर्षक मूर्ति को संग्रहालय संरक्षित करने की बात भी कही।
खोदाई के दौरान मूर्ति मिलने की जानकारी जब इंटेक के गोरखपुर चेप्टर को हुई तो सह-संयोजक अचिंत्य लाहिड़ी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर दुर्लभ व प्राचीन मूर्ति के निरीक्षण को लेकर पुरातत्व विभाग को निर्देशित करने की मांग की। जिलाधिकारी ने उनके पत्र का संज्ञान लेते हुए यह जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग और राजकीय बौद्ध संग्रहालय को सौंप दी है।
गोरखपुर के क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी नरसिंह त्यागी ने बताया कि कोड़ार उर्फ बघोर टीले के बगल की ग्राम पंचायत मुकुंदवार के टीले हर साल बारिश व बाढ़ के बाद सरयू नदी के कटान से सोने व चांदी के सिक्के, गहने और खिलौने मिलते रहते हैं। अब बघोर के टीले में भगवान विष्णु की प्राचीन प्रतिमा मिली है। इससे यह साबित हो रहा है कि उस क्षेत्र में कभी बस्ती रही होगी। जल्द ही क्षेत्र का निरीक्षण कर मूर्ति को संग्रहालय में संरक्षित करने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही विस्तृत अध्ययन कर बस्ती के काल काल का निर्धारण किया जाएगा।
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