Gorakhpur Roadways: 50 फीसद से अधिक सीटें भरने पर ही चलेंगी लंगी दूरी की बसें
दरअसल गोरखपुर से दिल्ली कानपुर लखनऊ और वाराणसी के लिए यात्री नहीं मिल रहे हैं। खाली बसें ही दौड़ रही हैं। ऐसे में निगम को घाटा उठाना पड़ रहा है। अब 50 फीसद सीट भरने पर ही रोडवेज की बसें चलेंगी।

गोरखपुर, जेएनएन। अब 50 फीसद सीट भरने पर ही रोडवेज की बसें चलेंगी। अन्यथा की स्थिति में डिपो परिसर में खड़ी कर दी जाएंगी। लंबी दूरी की बसों को यात्री नहीं मिलने व घाटा होने पर परिवहन निगम प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। निगम का कहना है कि आधी से अधिक सीटें भरने पर ही बसें चलाई जाएंगी।
दिल्ली, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी के लिए नहीं मिल रहे यात्री
दरअसल, गोरखपुर से दिल्ली, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी के लिए यात्री नहीं मिल रहे हैं। खाली बसें ही दौड़ रही हैं। ऐसे में निगम को घाटा उठाना पड़ रहा है। हालांकि, लोक रूटों (देवरिया, रुद्रपुर, महराजगंज, तमकुही, पडरौना, कुशीनगर और सौनौली आदि) पर चलने वाली बसें भर कर चल रही हैं। बाहर से आने वाले प्रवासी लोकल रूटों पर चलने वाली बसों के जरिये घर तक पहुंच रहे हैं। लेकिन कोई बाहर नहीं जा रहा है। ऐसे में रोडवेज को यात्री नहीं मिल रहे हैं। फिलहाल, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने समस्त क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देशित किया है कि 300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी की बसों को 50 फीसद से अधिक यात्री होने पर ही संचालित किए जाएं। साथ ही बाइपास सेवा बंद कर लंबी दूरी की बसें शहर व कस्बों में स्थित डिपो से होकर चलाई जाएं। ताकि, यात्रियों को परेशानी न उठानी पड़े।
चालकों और परिचालकों की छुट्टियां रद
परिवहन निगम प्रशासन ने बाहर से आने वाले प्रवासियों को सुरक्षित घर उनके घर तक पहुंचाने के लिए सभी चालकों-परिचालकों और संबंधित कर्मचारियों की छुटिटयां रद कर दी है। बिना अनुमति के अवकाश लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी ने सभी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों व संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। दरअसल, दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र और गुजरात से बड़ी संख्या में प्रवासी गोरखपुर उतर रहे हैं। लेकिन यहां पहुंचने के बाद उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डिपो में देवरिया, तमकुही, पडरौना, महराजगंज और ठुठीबारी के लिए बसें ही नहीं मिल रही हैं। बसें खड़ी रहती हैं, लेकिन चालक-परिचालक के अभाव में यात्रियों को उनके गंतव्य तक नहीं पहुंचा पाती हैं।

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