जमीन नहीं बिकने पर वरासत रोकने की थी तैयारी, इस वजह से मुर्दा महिला को किया 'जिन्दा'
गोरखपुर के खोराबार में जमीन हड़पने के लिए जालसाजों ने एक मुर्दा महिला को जिंदा कर दिया। तहसील में भी जाल बिछाया गया था जहाँ फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके करोड़ों की संपत्ति हड़पने की साजिश थी। पुलिस जाँच में पता चला कि जालसाजों ने एक महिला के नाम से बैंक खाता भी खोला था जिसके आधार पर वे जमीन बेचने की कोशिश कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। फर्जी अभिलेखों और छद्म विक्रेता(जमीन की असली मालिक के स्थान पर दूसरा) तैयार कर खोराबार क्षेत्र के तालकंदला में करोड़ों की भूमि हड़पने की तैयारी कर रहे जालसाजों ने तहसील में भी जाल बिछा रखा था। तैयारी थी कि यदि तत्काल में जमीन नहीं बिकती है तो वरासत को लटका दिया जाए।
स्व. चंद्रावती देवी के पुत्र महेश्वर मिश्रा को जब उनकी जमीन बेचे जाने की साजिश की जानकारी हुई तो उन्होंने तत्काल संपत्ति की वरासत के लिए आवेदन किया । जल्द प्रक्रिया पूरी हो जाए इसके लिए जब वे कुछ दिन बाद पैरवी करने पहुंचे तो सदर तहसील कर्मियों का कहना था कि उनके वरासत के मामले में कुछ लोगों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए आधार, पैन और अन्य कुछ अभिलेख प्रस्तुत किए हैं। हालांकि यह आपत्ति लिखित नहीं दर्ज कराई गई थी।
महेश्वर ने इसकी जानकारी तहसीलदार को दी और आनलाइन अपने वरासत संबंधी आवेदन की स्थिति चेक कराई तो उसमें यह जानकारी हुई कि अभी लिखित कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई गई थी। उधर, मामले की जांच कर रही खोराबार पुलिस के हाथ कुछ अहम जानकारी हाथ लगने के साथ ही एक व्यक्ति की भी जानकारी हुई, जिससे जालसाजों के गिरोह का खुलासा हो सकता है।
जमीन की असली मालिक और महेश्वर की दिवंगत माता चंद्रावती देवी के नाम, पते का इस्तेमाल का गोरखनाथ क्षेत्र स्थित जिस बैंक में फर्जी चंद्रावती देवी का खाता खोला गया है, पुलिस ने उसकी पड़ताल शुरू की तो उसमें ये अहम जानकारी हाथ लगी है।
यह है मामला
शहर के सिंघड़िया निवासी महेश्वर मिश्र और उनके भाई ने करीब दो दशक पूर्व खोराबार क्षेत्र के ताल कंदला में अपनी माता चंद्रावती देवी पत्नी स्व. राघव मिश्र के नाम पांच एकड़ से अधिक भूमि ली थी। 23 मार्च, 2019 को उनकी माता का निधन हो गया। लेकिन, अभी संपत्ति की वरासत नहीं हो पाई और राजस्व अभिलेखों में उनकी माता का ही नाम बना हुआ है।
कुछ दिन पूर्व उनके जानने वाले अशोक यादव और फिर शैलेंद्र सिंह ने उन्हें फोनकर यह जानकारी दी कि उनकी जमीन को बेचने के लिए कुछ लोग ग्राहक खोज रहे हैं। उनके पास भी एक टीम सौदा लेकर आई थी। उनका दावा था कि सौदा बना तो तत्काल भूमि, संबंधित के नाम रजिस्ट्री करा देंगे। उन्होंने जब जमीन के कागज मांगे तो पूरे अभिलेख भी प्रस्तुत कर दिए।
महेश्वर ने जब अभिलेख देखे तो आधार कार्ड और पैन कार्ड पर उनकी मां की जगह दूसरी महिला की फोटो थी। बाकी सब कुछ समान था। घर के पते की जगह उनके पादरी बाजार स्थित मानस विहार हनुमंत नगर का वह पता दर्ज था, जिस पते के नाम पर उनकी माता के नाम से ताल कंदला में भूमि रजिस्ट्री कराई गई थी।
आरोप है कि फर्जी चंद्रावती देवी के नाम 26 मई, 2025 को गोरखनाथ क्षेत्र के बैंक आफ इंडिया की शाखा में खाता भी खोला गया है। उसमें भी नाम-पता सब समान है।
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