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    जानिए पुलिस महानिदेशक ने क्‍यों थपथपाई पुलिस वालों की पीठ Gorakhpur News

    By Rahul SrivastavaEdited By:
    Updated: Mon, 12 Apr 2021 01:10 PM (IST)

    लाइसेंसी असलहा जमा करने के मामले में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने गोरखपुर जोन पुलिस की पीठ थपथपाई है। यहां 81.79 फीसद लाइसेंसी असलहे जमा हो चुके हैं। ...और पढ़ें

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    पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी। फाइल फोटो

    गोरखपुर, जेएनएन : लाइसेंसी असलहा जमा करने के मामले में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने गोरखपुर जोन पुलिस की पीठ थपथपाई है। यहां 81.79 फीसद लाइसेंसी असलहे जमा हो चुके हैं। गोरखपुर जिले में भी करीब 80 फीसद असलहे जमा हो चुके हैं। सिद्धार्थनगर में सर्वाधिक 98 फीसद व सबसे कम गोंडा में 75 फीसद लाइसेंसी असलहे जमा हुए हैं।

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    जानिए किस जिले में कितने लाइसेंसी असलहे हुए जमा

    जिला      जमा हुए असलहे   फीसद

    गोरखपुर   11223            79.78

    देवरिया    8939             79.24

    महराजगंज 2691             90.00

    कुशीनगर   2996             79.60

    बस्ती      4930             83.52

    संतकबीरनगर 3074           86.00

    श्रावस्ती      1429           89.00

    बलरामपुर    3598           87.00

    गोंडा         7552           75.00

    पुलिस ने किया बेहतर काम

    अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार ने कहा कि असलहा जमा करने को लेकर जोन पुलिस ने बेहतर काम किया है। जिनकी डयूटी सिक्योरिटी गार्ड की है, अथवा जिन्हें जान माल का विशेष खतरा है, सिर्फ उनके असलहे नहीं जमा कराये गये हैं।

    बच्ची की मौत के बाद मेडिकल कालेज में हंगामा

    बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में सुबह 18 माह की बच्ची की मौत हो गई। स्वजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इसकी जानकारी होते ही परिसर में मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे और स्वजन को समझा-बुझाकर शांत कराया। शिकायत की बात कहते हुए स्वजन शव लेकर चले गए।

    तीन अप्रैल को बेहोश हो गई थी परी

    महराजगंज जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत चिउरहा निवासी दिनेश शर्मा की 18 माह की बेटी परी तीन अप्रैल को बेहोश हो गई थी। स्वजन उसे लेकर महराजगंज जिला अस्पताल पहुंचे। डाक्टरों ने परी को बाबा राघवदास मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। तीन अप्रैल की रात परी मेडिकल कालेज में भर्ती कराई गई। जांच में डाक्टरों ने उसे मधुमेह बताया। आइसीयू में इलाज के बाद परी ठीक हुई तो सौ नंबर वार्ड के जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। शनिवार सुबह 10 बजे परी की मौत हो गई। स्वजन का आरोप है कि परी बिल्कुल ठीक हो गई थी। डाक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी मौत हुई है।