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    बच्चों के शरीर पर लाल दाने, मुंह में पड़ रहे छाले तो विशेषज्ञों से जानें- क्या करें, क्या नहीं...

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Sun, 11 Sep 2022 01:46 PM (IST)

    गोरखपुर जिले में रोजाना सौ से ज्यादा बच्चे अस्पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे। इन बच्चों के हाथ पैर और शरीर के पिछले हिस्सों में लाल दाने व मुंह में छाले निकल रहे हैं। डॉक्टर इन लक्षणों को एचएफएमडी बता रहे हैं।

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    बच्ची के हाथ और पैर हुए लाल दाने। -जागरण

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दो से आठ साल की उम्र तक के बच्चे इन दिनों शरीर पर लाल दाने, मुंह में छाले और बुखार से पीड़ित हैं। दाने हाथ, पैर और शरीर के पिछले हिस्से में तेजी से बढ़ रहे हैं। मुंह में छाले पड़ने से बच्चे कुछ खा भी नहीं पा रहे हैं। एक बच्चे से दूसरे बच्चे में यह रोग तेजी से फैल रहा है। टोमेटो फ्लू (टमाटर बुखार) या मंकीपाक्स की आशंका में स्वजन बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। डॉक्टर इसे हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी) बता रहे हैं। रोग बढ़ने के कारण कुछ स्कूलों ने छोटे बच्चों की कक्षाएं भी स्थगित कर दी हैं।

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    ये लक्षण दिखें तो बच्चों को करें आइसोलेट

    तकरीबन 10 दिन पहले बच्चों के हाथ पर लाल दाने निकलने की शुरुआत हुई है। स्वजन पहले इसकी वजह गर्मी मान रहे थे लेकिन दाने जब पैर और शरीर के पिछले हिस्से में होने लगे तब लोग डॉक्टर के पास पहुंचे। कई बच्चों के शरीर के दाने में पस हो गया है। इसके फूटने से दाने और तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे बच्चों को आइसोलेट करें और घर से बाहर न जाने दें।

    मौसम में बदलाव के कारण हो रही यह समस्या

    सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि मौसम में बदलाव के बीच एचएफएमडी के मामले बढ़ते हैं। जिन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता ठीक है उनको कोई दिक्कत नहीं होती। यह न तो मंकीपाक्स है और न ही टोमेटो फ्लू है। लोग बिल्कुल परेशान न हों।

    यह दिया जा सकता है

    नारियल पानी, ओआरएस, दही।

    यह न दें

    गर्म पदार्थ, तैलीय खाद्य पदार्थ, मिर्च-मसाला वाले खाद्य पदार्थ, खट्टू फलों के जूस।

    यह करें

    बच्चे के नाखून काट दें, कपड़े, तौलिया, बेडशीट दूसरे कपड़ों से अलग रखें और गर्म पानी से धोएं। डाक्टर की सलाह जरूर लें और बुखार ज्यादा चढ़ जाए तो पानी से शरीर पोंछें।

    क्या कहते हैं विशेषज्ञ

    • शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी गुप्ता ने बताया कि एचएफएमडी में लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है। यदि बच्चे को बुखार है तो बुखार की दवा और छाल पड़े हैं तो उसकी दवा दी जाती है। कई बच्चों के गले में खराश होने लगती है और दाने में जलन भी। यह रोग अपने-आप खत्म हो जाता है लेकिन सतर्कता बरतनी बहुत जरूरी है।
    • शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश चंद्रा ने बताया कि ओपीडी में लाल दाने, मुंह में छाले और बुखार से पीड़ित बच्चे रोजाना आ रहे हैं। स्वजन को बताया जा रहा है कि सफाई रखें और दूसरे बच्चों को दूर रखें। छाले से बच्चा कुछ खा नहीं पाता है इसलिए उसे लिक्विड ज्यादा से ज्यादा दें। बच्चे चिड़चिड़े भी हो जाते हैं इसलिए उनसे प्यार से पेश आएं।