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    रेलवे में अब एजेंसी की निगरानी में लगेगा 'कवच', साढ़े छह करोड़ के बजट को मिली मंजूरी, 'ट्रेनों की ढाल' के लिए टेंडर शुरू

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 07:04 AM (IST)

    पूर्वोत्तर रेलवे में ट्रेन सुरक्षा प्रणाली 'कवच' एजेंसी की निगरानी में लगाई जाएगी। इसके लिए साढ़े छह करोड़ रुपये का बजट एजेंसी नामित करने और नि ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे में अब एजेंसी की निगरानी में 'कवच' (ट्रेन सुरक्षा प्रणाली) लगेगा। रेलवे प्रशासन ने एजेंसी नामित करने के लिए साढ़े छह करोड़ का बजट मंजूर कर निविदा की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। नामित एजेंसी गुणवत्ता के साथ कार्य को समय से पूरा कराने में अहम भूमिका निभाएगी। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने पूर्वोत्तर रेलवे के 136 इलेक्ट्रिक इंजनों में 'कवच' लगाने के लिए 124 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।

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    प्रथम चरण में 558 रूट किमी पर कवच लगाया जाना है। टावर कार्य एवं कवच उपकरण के लिए दो निविदाओं के माध्यम से कवच स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में मुख्य मार्ग छपरा-बाराबंकी में टावर लगाने का कार्य प्रगति पर है। 'कवच' ट्रेनों की ढाल के रूप में कार्य करेगा। पूरी तरह स्वदेशी 'कवच' एक रेलखंड के एक सेक्शन में एक रेल लाइन पर ट्रेनों की टक्कर नहीं होने देगा।

    स्वत: लग जाएगा इमरजेंसी ब्रेक

    दो ट्रेनों के आमने-सामने या आगे-पीछे होने पर स्वत: इमरजेंसी ब्रेक लग जाएगा। 'कवच' लोको पायलटों की सभी गतिविधियों की भी निगरानी करेगा। किसी भी प्रकार की चूक होने या एक सेक्शन में दूसरी ट्रेन के आते ही आडियो व वीडियो के माध्यम से लोको पायलटों को अलर्ट कर देगा।

    लोको पायलटों की कोई प्रतिक्रिया नहीं होने या लाल सिग्नल पार करने पर आटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा। लोको पायलट सिग्नल को लाइव देख सकेंगे। कवच उपकरण ट्रेन को निर्धारित सेक्शन स्पीड से अधिक चलने नहीं देगा। समपार फाटकों पर भी स्वत: सीटी बजती रहेगी। दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगेगा।

    इंजन के कैब, सिग्नल व पटरियों पर लगेगा 'कवच'

    कवच सिस्टम प्रत्येक एक किलोमीटर पर लग रहे आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम के सिग्नल, पटरियों, इंजन के कैब और इंजन के नीचे तथा स्टेशन मास्टर के पैनल में लगाया जाएगा। जो एक सेक्शन में चलने वाली ट्रेन की गति समेत इंजन और सिग्नल की प्रत्येक गतिविधियों को रीड (पढ़ता) करता रहेगा। रेड सिग्नल होने, निर्धारित से अधिक गति होने, लोको पायलटों की सक्रियता नहीं होने तथा एक सेक्शन यानी एक किमी के अंदर दूसरी ट्रेन के आते ही कवच सक्रिय हो जाएगा। सबसे पहले वह लोको पायलटों और स्टेशन मास्टर को अलर्ट करेगा।

    इन रेलमार्गों पर लगेगा 'कवच'

    1. - सीतापुर सिटी-बुढ़वल जंक्शन
    2. - बुढ़वल जंक्शन-गोरखपुर कैंट
    3. - मानक नगर-लखनऊ जंक्शन-मल्हौर
    4. - बाराबंकी-बुढ़वल जंक्शन
    5. - गोरखपुर कैंट-गोल्डिनगंज खंड