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    Siddharthnagar: घर के आंगन की तरह सजेगा कपिलवस्तु, भगवान बुद्ध ने यहां गुजारा था बचपन

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jun 2022 06:56 PM (IST)

    लुंबिनी की तर्ज पर कपिलवस्तु को विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। यहां पर गौतम बुद्ध के विभिन्न मुद्राओं पर आधारित मंदिर बनाया जाएगा। ऐसे में कपिलवस्तु का विकास होने के बाद विदेशी पर्यटकों के आमद में बढ़ोत्तरी होगी।

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    घर के आंगन की तरह सजेगा कपिलवस्तु। (फाइल फोटो)

    सिद्धार्थनगर, प्रशांत सिंह। गौतम बुद्ध की क्रीडास्थली कपिलवस्तु को लुंबिनी की तर्ज पर विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। यहां पर मंदिर और मठ बनाया जाएगा। बौद्ध धर्मावलंबी राष्ट्रों को स्तूप के पास खाली पड़ी 33 एकड़ जमीन लीज पर दी जाएगी। जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर केंद्र व प्रदेश सरकार सहमति दे चुके हैं। जापान व कंबोडिया दूतावास के अधिकारी भी कपिलवस्तु का जल्द दौरा करेंगे। तहसीलदार सदर को भूमि अधिग्रहण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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    पीएम मौदी के नेपाल दौरे के बाद विकास योजना में आई तेजी: 16 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेपाल दौरे पर थे। वह लुंबिनी में करीब छह घंटे तक रहे। इसके बाद कपिलवस्तु के विकास योजना में तेजी आई। केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद प्रशासन ने कई राष्ट्र के दूतावास से पत्राचार भी किया। सारनाथ (वाराणसी), कुशीनगर, श्रावस्ती, लुंबिनी (नेपाल) के तर्ज पर बुद्ध के विभिन्न मुद्राओं के मंदिर बनाने के लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए आमंत्रण दिया है। प्रशासन ने इसका खाका तैयार कर लिया है। सुनियोजित योजना बनाकर इसे विकसित पर्यटन स्थल का स्वरूप देने की योजना तैयार की गई है। कपिलवस्तु का विकास होने के बाद यहां विदेशी पर्यटकों की आमद तेज होगी। चिन्हित भूमि का ले-आउट भी तैयार किया गया है। इस कार्य में कपिलवस्तु विकास प्राधिकरण भी सहयोग करेगा।

    कपिलवस्तु में 16 मंदिर व पार्क बनाने की है योजना: कपिलवस्तु स्तूप के ठीक सामने की भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां विभिन्न राष्ट्र के बौद्ध मंदिर बनाने की योजना है। पहले चरण में 16 मंदिर व मठ बनाए जाएंगे। इस संबंध में प्रशासन ने जापान, कंबोडिया, थाईलैंड, म्यांमार, श्रीलंका, नेपाल आदि राष्ट्र के दूतावास से पत्राचार किया है। यहां पर्यटक स्थल के विकास के लिए योजना तैयार की गई है। भूमि अधिग्रहण के लिए शासन स्तर पर फाइल काफी दिनों से लंबित चल रही थी। इस नक्शा में बुद्ध के विभिन्न मुद्राओं के मंदिर, हर्बल पार्क, बच्चों केे खेलने के लिए पार्क, फूड प्लाजा, पार्किंग, सड़क आदि के लिए स्थान चिन्हित किया गया है। इसी नक्शा के आधार पर पर्यटन स्थल का विकास किया जाएगा।

    तहसीलदार सदर राम ऋषि रमन ने बताया कि शासन से 13.317 हेक्टेयर (33 एकड़) भूमि खरीद को मंजूरी मिली है। इसके बाद कार्रवाई तेज कर दी गई है। कपिलवस्तु स्तूप के सामने खाली भूमि को चिन्हित किया गया है। अधिकांश भूमि काश्तकारों की हैं। पर्यटन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में इनके साथ वार्ता की गई। भूमिधरों को बताया गया है कि बौद्ध राष्ट्र के निवेश के बाद इस क्षेत्र का विकास तेजी से होगा।

    जिलाधिकारी संजीव रंजन ने बताया कि कपिलवस्तु के विकास की योजना तैयार की गई है। मंदिर व पार्क बनाने के बौद्ध राष्ट्र को आमंत्रित किया गया। पूर्ववर्ती जिलाधिकारी दीपक मीणा के कार्यकाल में इन्हें निवेश करने के लिए आमंत्रण पत्र भेजा गया था। केंद्र से पत्राचार किया गया। भूमि अधिग्रहण के संबंध में शासन से स्वीकृति मिली है। जल्द ही बौद्ध राष्ट्र के दूतावास के प्रतिनिधिमंडल का जनपद दौरा करने की संभावना है।