गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जननी सुरक्षा योजना के तहत जिला अस्पताल में भर्ती महिलाओं को प्रसव के बाद भोजन देने की निर्देश है। लेकिन यहां प्रसूताओं को भोजन नहीं मिल पा रहा है। महिलाएं अपने घर या होटल से खाना मंगाकर खा रहीं है। जिससे उनकी परेशानी बढ़ गईं हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय के समक्ष भी इसकी पोल खुलकर कर सामने आई है।

आपरेशन होने एक अस्‍पताल में रुकना पडता है एक सप्‍ताह

सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिला को नाश्ता, दूध और भोजन देने का प्रावधान है। नार्मल डिलीवरी में प्रसूता को कम से 48 घंटे तथा आपरेशन की स्थिति में सात दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना होता है। उनकी सेहत के मद्देनजर खान पान की व्यवस्था के लिए जिला स्वास्थ्य समिति की तरफ से ठीकेदार की नियुक्त की गई है। इनके माध्यम से भोजन वितरण किया जाता है। लेकिन यह व्यवस्था यहां कर्मचारियों की मानमानी की शिकार हो गई है।

प्रसूताओं ने सुनाया व्‍यवस्‍था का हाल

रूधौली निवासी तैबुन निशा ने बताया कि शुक्रवार को डिलेवरी हुई है। लेकिन शनिवार की सुबह अंडा, दूध मिला है। खाना नहीं मिला है। गौनरिया की साधना, धरमपुर की संध्या देवी के अलावा नीतू व रेखा ने बताया कि उन्हें भी खाना नहीं मिला है।

लापरवाही पर कर्मचारियों को दी गई चेतावनी

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय ने बताया कि वितरण व्यवस्था में लापरवाही मिली है। इसके लिए कर्मचारी को चेतावनी दी गई है। अगर इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

शो-पीस बना कूलर, गर्मी से तड़प रहे मरीज

महराजगंज: जिला अस्पताल के शिशु रोग वार्ड में लगा कूलर शो-पीस बना हुआ है। जिसके कारण मरीज उमस भरी गर्मी से तड़प रहे हैं। गर्मी से निजात पाने के लिए मरीज व तीमारदार हाथ के पंखा का सहारा ले रहे हैं। कूलर का पंखा और मोटर गायब है। जबकि हाल में लगे सिङ्क्षलग फैन में दो की रफ्तार सुस्त है।

Edited By: Navneet Prakash Tripathi