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जागरण संस्कारशाला : अपने देश के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ना और जानना चाहिए

Jagaran Sanskaarashaala देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण का भाव रखना ही सच्ची देश सेवा है। हर नागरिक को अपने राष्ट्र प्रगति के लिए चाहे वह जिस दशा में है जिस परिस्थिति में है जहां है सकारात्मक सोच के साथ अपना योगदान देना चाहिए।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 09:10 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 09:10 PM (IST)
जागरण संस्कारशाला : अपने देश के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ना और जानना चाहिए
रैंपस स्कूल की शिक्षाधिकारी विनीता श्रीवास्तव। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : देश के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण का भाव रखना ही सच्ची देश सेवा है। हर नागरिक को अपने राष्ट्र प्रगति के लिए चाहे वह जिस दशा में है, जिस परिस्थिति में है, जहां है, सकारात्मक सोच के साथ अपना योगदान देना चाहिए। हमारा देश विविधताओं का देश है, इसलिए हमें अपने देश के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ना और जानना चाहिए। जितना ही हम अपने राष्ट्र के गुणों के विषय में जानेंगे हमारा सम्मान, प्यार व आदर उसके प्रति बढ़ेगा और हम राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित होंगे। उक्त बातें रैंपस स्कूल की शिक्षाधिकारी विनीता श्रीवास्तव ने कही।

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राष्ट्र निर्माण के लिए उपयुक्त व्यक्ति होने की होनी चाहिए अनुभूति

विनीता श्रीवास्तव ने कहा कि हमें यह अनुभूति होनी चाहिए कि मैं भी राष्ट्र निर्माण के लिए उपयुक्त व्यक्ति हूं। हमारे द्वारा किए गए कार्य से ही राष्ट्र निर्माण में सहयोग होगा, हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए। हमें शिक्षा का प्रसार-प्रचार, श्रम शक्ति का बेहतर उपयोग, वैज्ञानिक सोच के साथ अग्रसर होना चाहिए। विद्यालय वह उर्वरा स्थान है, जहां की मिट्टी में पल बढ़कर एक बच्चा सजग नागरिक बनता है। अत: विद्यालय का राष्ट्र सेवा में अपना एक अहम योगदान होता है। हमारी संस्कृति में गुरु की महत्ता ईश्वर से भी अधिक होती है। गुरु वह प्रेरणा का स्रोत है, जहां से प्रेरित होकर एक बच्चा अपने अंदर उन सभी गुणों को आत्मसात करता है। जहां वह सेवा राष्ट्र को गौरव की नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। यह सर्वविदित है कि युवा ही किसी राष्ट्र की मूलभूत शक्ति होता है। यदि यह कर्तव्य परायण व कर्तव्यनिष्ठ हो तो राष्ट्र हर बड़ी चुनौतियों का सामना अत्यंत सहजता व सरलता से कर लेता है।

युवा समाज राष्ट्र की धरोहर

आज हमारे राष्ट्र की धरोहर उसका युवा समाज है और हमारा राष्ट्र इस स्वर्ण धरोहर से आच्छादित है। यदि हम अपने इस धरोहर को राष्ट्र के निर्माण के योगदान के लिए प्रेरित करने में सफल हो जाते हैं, तो वह समय दूर नहीं होगा जब हमारा राष्ट्र विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र होगा। विज्ञान व अनुसंधान के क्षेत्र में न केवल उत्कृष्ट होगा बल्कि कायाकल्प कारक सिद्ध होगा। आज का बालक कल का विद्यार्थी, कुशल चिकित्सक, शिक्षाविद, वैज्ञानिक, इंजीनियर, शिक्षक समाज सेवी, उद्योगपति, समर्पित नेता बनकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देगा। हमें इनके स्वास्थ्य तथा बौद्धिक विकास की ओर विशेष ध्यान देना होगा इन्हीं में से अब्दुल कलाम, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी, डा.आंबेडकर निकालने होंगे और इसके लिए आवश्यक होगा कि हम शिक्षा की ओर बेहतर प्रयास करें। चरित्र निर्माण विकसित करें, देश प्रेम का पाठ पढ़ाने के लिए कार्यशाला का आयोजन करें।

एक सफल व्यक्ति बनने के लिए शिक्षित होना जरूरी

समाज में एक सफल व्यक्ति बनने के लिए बहुत आवश्यक है कि हम शिक्षित हो। हम अपने ज्ञान को बेहतर बनाएंगे तभी आगे चलकर हम राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकते हैं। अपने कार्यस्थल पर अनुशासित होना, देश के संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय संपत्तियों और परंपराओं के प्रति आदर भाव रखना भी राष्ट्र सेवा है। यदि हमें गौरवमयी राष्ट्र का निर्माण कराना है तो हमें हमारी सनातन चिर-परिचित परंपराओं व संस्कृति को राष्ट्र निर्माण में संलग्न करना होगा। यह दायित्व हम सभी का है।


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