गोरखपुर में इस्कान का सत्संग केंद्र शुरू, कालोनियों में गूंजा जय श्रीकृष्ण, राधे-राधे Gorakhpur News
प्रभातफेरी सत्संग केंद्र से शुरू होकर रामगढ़ताल के किनारे तक गई। आसपास की सभी कालोनियों में श्रद्धालुओं ने हरे कृष्ण हरे कृष्ण व राधे-राधे संकीर्तन किया। अब इसी के साथ प्रतिदिन सुबह आठ से नौ बजे तक प्रभातफेरी निकाली जाएगी।

गोरखपुर, जेएनएन। लगभग एक साल के प्रयास के बाद इस्कान का सत्संग केंद्र यहां वसुंधरा इन्क्लेव, तारामंडल में शुरू हो गया है। पहली नगर संकीर्तन प्रभातफेरी निकाली गई। रामगढ़ ताल के किनारे की कालोनियों में जयश्रीकृष्ण व राधे-राधे गूंज रहा था। श्रद्धालु ढोलक व झाल बजाते हुए कीर्तन गाते चल रहे थे। गोरखपुर के लिए यह दृश्य अदभुत और आश्चर्यचकित करने वाला था। लोगों को बाद में पता चला कि यह इस्कान की तरफ से निकाली गई प्रभातफेरी है।
प्रभातफेरी सत्संग केंद्र से शुरू होकर रामगढ़ताल के किनारे तक गई। आसपास की सभी कालोनियों में श्रद्धालुओं ने 'हरे कृष्ण, हरे कृष्ण व 'राधे-राधे संकीर्तन किया। अब इसी के साथ प्रतिदिन सुबह आठ से नौ बजे तक प्रभातफेरी निकाली जाएगी।
गोरखपुर में 51 साल पहले आए थे भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद
संयोजक विद्यापति माधव दास ने बताया कि इस्कान के संस्थापक भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद का सन् 1971 में गोरखपुर आगमन हुआ था। तब वे 14 दिनों तक भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार की गीता वाटिका में ठहरे थे। इस दौरान उन्होंने अपने शिष्यों को अनेक पत्र लिखे, जिनमें उन्होंने गोरखपुर को उत्तर भारत का एक प्रमुख शहर बताते हुए इस्कान का एक बड़ा केंद्र तथा एक विशाल सुंदर मंदिर बनाने की इ'छा जताई थी।
सत्संग केंद्र से प्रसाद और पुस्तक का होगा वितरण
उनके इसी सपने को पूरा करने के लिए यहां सत्संग केंद्र खोला गया है। निकट भविष्य में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का मंदिर भी स्थापित करने की योजना है। इस केंद्र से प्रसाद व पुस्तक वितरण, हरिनाम संकीर्तन आदि का आयोजन पूरे शहर में होगा। गोरखपुर व आसपास में भी बड़ी संख्या में इस्कान के अनुयायी हैं। उन्हें केंद्र से जोड़ा जाएगा। उनके माध्यम से धर्म का प्रचार किया जाएगा, साथ ही गरीबों के लिए निश्शुल्क भोजन की व्यवस्था की जाएगी। प्रभातफेरी में योगेश्वर दास, राधा माधव दास, आदि श्याम दास, हरि गोपाल दास आदि शामिल थे।
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