सेमिनार में आकर्षण का केंद्र बनेगा आयुष विश्वविद्यालय का मॉडल, मौजूद रहेंगे शोधकर्ता
गोरखपुर के महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय में 7-8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सेमिनार होगा। 14 राज्यों के आयुर्वेद यूनानी होम्योपैथी विशेषज्ञ शामिल होंगे। इजरायल से अनत लेवी शिलाजीत पर शोध साझा करेंगी। आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय औषधियों के निर्यात पर अनुभव साझा करेंगे। कुलपति डॉ. के रामचंद्र रेड्डी के निर्देशन में तैयारियां जारी हैं।

जागरण संवाददाता,भटहट। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय में सात व आठ सितंबर को आयोजित होने वाले दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की तैयारी जोरशोर से चल रही है। हाल तक पहुंचते ही विश्वविद्यालय का माडल लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचेगा। माडल के दोनों ओर निजी कंपनियों की प्रदर्शनी भी आगंतुकों को आकर्षित करेगी।
सेमिनार का औपचारिक शुभारंभ सात सितंबर को दिन में करीब 12 बजे होगा। इस दौरान आने वाले प्रमुख डेलीगेट परिसर में औषधीय पौधों का रोपण करेंगे। वहीं, सेमिनार में शामिल होने वाले विशिष्ट अतिथियों को विश्वविद्यालय के माडल की प्रतिकृति मोमेंटो स्वरूप भेंट की जाएगी।
सेमिनार में देश के 14 राज्यों से आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और सोआ रिग्वा पद्धति के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इजरायल से आ रही अनत लेवी शिलाजीत पर अपने शोध कार्य को साझा करेंगी। विदेशी शोधकर्ताओं और विज्ञानियों की मौजूदगी से सेमिनार का महत्व और बढ़ जाएगा।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सलाहकार डा. कौस्तुभ उपाध्याय पहले ही पहुंच चुके हैं। वह आयुर्वेदिक औषधियों के निर्यात के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा करेंगे। उनकी मौजूदगी से विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग में बन रही औषधियों के विदेश में निर्यात की संभावनाओं को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
सेमिनार को सफल बनाने के लिए कुलपति डा के रामचंद्र रेड्डी के निर्देशन में चिकित्सकों और कर्मचारियों की अलग-अलग टीमें जिम्मेदारी संभाल रही हैं। डा. अनूप श्रीवास्तव, डा. लक्ष्मी अग्निहोत्री, डा. रमाकांत द्विवेदी, डा. अबरार आलम, डा. पुनीत श्रीवास्तव, डा. विनय सिंह और डा. मनोरमा सिंह आवासीय व्यवस्था देख रहे हैं।
वहीं हिमांशु पांडेय, पृथ्वी सिंह, आशुतोष राय और शिवांग पति त्रिपाठी प्रतिभागियों से संपर्क सहित अन्य कार्यों में जुटे हैं। परिसर को व्यवस्थित और सुंदर बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी की टीम लगातार निगरानी कर रही है। कुलसचिव अजीत कुमार जायसवाल स्वयं तैयारियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
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