Income Tax Raid: फ्लोर मिल कारोबारी समेत गोरखपुर-बस्ती मंडल के 27 ठिकानों पर आयकर का छापा
Income Tax Raids in Gorakhpur उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में आयकर विभाग ने छापा मारकर गुरुवार को हड़कंप मचा दिया। इसमें गोरखपुर के आधा दर्जन से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की है। छापेमारी करने वाली टीम में लखनऊ प्रयागराज और दिल्ली के अधिकारी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार टीम फ्लोर मिल संचालक होटल उद्यमी ऑटोमोबाइल सेक्टर रियल एस्टेट और एक अन्य व्यापारी के यहां कार्रवाई कर रही है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वांचल के एक बड़े फ्लोर मिल कारोबारी के यहां 50 करोड़ से अधिक की कर चोरी के आरोप की पड़ताल को लेकर आयकर विभाग की टीमों ने गुरुवार को छापेमारी की। यह कार्रवाई कारोबारी से जुड़े गोरखपुर-बस्ती मंडल के 27 ठिकानों पर एक साथ हुई।
इसमें लगभग 200 आयकर अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे। सुबह नौ बजे शुरू हुई छापेमारी देर रात तक चलती रही। इस दौरान टीम ने कारोबारी द्वारा संचालित फर्मों के कागजात खंगाले और उन्हें कब्जे में लेकर जांच की। खबर लिखे जाने तक कारोबारी के आवास से टीम ने 10 लाख रुपये नकद, एक किलो सोना और दो किलो चांदी अपने कब्जे में ले चुकी थी, जिसकी अनुमानित कीमत 82 लाख बताई जा रही है।
सिविल लाइन में आयकर विभाग का छापा। जागरण
बताया जा रहा है कि बरामद दस्तावेज की जांच के आधार पर कार्रवाई एक-दो दिन और जारी रह सकती है। संयुक्त निदेशक आयकर, वाराणसी अतुल पांडेय के नेतृत्व में लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, मैनपुरी तथा अलीगढ़ के अधिकारियों -कर्मचारियों की टीम सुबह करीब नौ बजे कारोबारी के सिविल लाइंस स्थित आवास समेत अन्य ठिकानों पर पहुंची। साथ ही हरिओम नगर स्थित रियल इस्टेट के दो कारोबारियों के आवास व दफ्तर व इनसे जुड़े शहर के करीब एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी शुरू की।
अर्बिट समूह पर इनकम का छापा। जागरण
टीम ने मोबाइल फोन, कम्प्यूटर सिस्टम, लैपटाप तथा हार्ड डिस्क समेत विभिन्न फर्मों के दस्तावेज कब्जे में लिए। इसके अलावा बस्ती व संतकबीर नगर के ठिकानों पर सुबह से लेकर शाम तक छापे की कार्रवाई हुई।
सूत्रों के अनुसार फ्लोर मिल संचालक द्वारा जिन उद्यमियों व व्यापारियों को आटा, सूजी, मैदा आदि की आपूर्ति की जाती है, टीम उनसे भी पूछताछ कर सकती है। इसके अलावा आयकर टीम सिविल लाइंस के हरिओम नगर रियल एस्टेट के दो कारोबारियों के आवास पर भी देर रात तक जमी रही।
पूछताछ में सामने आए कई फर्मों के नाम आयकर की पूरे दिन चली छापे की कार्रवाई में फ्लोर मिल कारोबारी ने कई अन्य फर्मों के संचालन की बात भी कबूली। सूत्र बताते हैं कि यह सभी कारोबारी के परिवार के सदस्यों के नाम से अलग-अलग संचालित हो रहे हैं और कम टर्नओवर दिखाकर कर चोरी की जा रही थी। अब टीम मामले की तह तक जाने में जुटी है।
संतकबीरनगर में भी पड़ा छापा
वहीं संतकबीर नगर में गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर डीघा के निकट स्थित औद्योगिक क्षेत्र में गुरुवार को आयकर विभाग-लखनऊ की तीन अलग-अलग टीमों ने एक ही समय तीन फैक्ट्रियों पर छापे डाले। इसके मुख्य गेट को बंदकर व आवागमन पर रोक लगाकर टीम अंदर जांच में जुटी रही। इन फैक्ट्रियों के मैनेजर व कर्मियों से पूछताछ के बाद अभिलेखों की जांच की। आयकर चोरी से जुड़े इस मामले में टीम की नजर उत्पादन और बिक्री पर टिकी रही। इससे संबंधित कागजात को एकत्र करने में जुटी रही। इस कार्रवाई से इस जनपद के कारोबारियों में देर शाम तक खलबली मची रही।
लखनऊ से आई तीन अलग-अलग टीम गुरुवार को सुबह करीब नौ बजे औद्योगिक क्षेत्र-खलीलाबाद में पहुंची। 14 सदस्यीय एक टीम ने गोयल फ्लोर मिल में छापा डाला। वहीं नौ सदस्यीय दूसरी टीम ने महावीर बिस्किट फैक्ट्री में छापा डाला। जबकि आठ सदस्यीय तीसरी टीम ने श्रीधर बिस्किट फैक्ट्री में छापा डाला। इनके सहयोग में वहीं से पुलिस की टीम भी आई थी।
तीनों फैक्ट्रियों पर एक ही समय छापा डाला गया। इन फैक्ट्रियों के मुख्य गेट को बंद कर दिया था। इसके आसपास आवागमन पर पुलिस टीम ने रोक लगा दिया था। टीम के सदस्य अंदर फैक्ट्री के मैनेजर व अन्य कर्मियों से पूछताछ की। अभिलेखों को मंगवाकर उसकी जांच की। इन फैक्ट्रियों में रखे तैयार माल को देखा।
इसमें प्रयोग की जाने वाली सामग्री के भंडारण की स्थिति की जांच की। उत्पादन और उसकी आपूर्ति कब, कितनी मात्रों में कहां-कहां की गयी है ? इसके बारे में जानकारी एकत्र करने में जुटी रही। आयकर चोरी से जुड़े इस मामले में छापेमारी से इस जिले के कारोबारियों में देर शाम तक खलबली मची रही।
यह टीम तीन से चार दिन तक और रुकेगी। जांच करके इन फैक्ट्रियों का पूरा लेखा-जोखा तैयार करेगी। कमियां मिलने पर संबंधित फैक्ट्री के संचालक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेगी।
डीएम महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में जांच टीम ने छापा डाला है। वे अपनी जांच गोपनीय रखते हैं। इसके बारे में किसी को कुछ नहीं बताते हैं। ये अपनी रिपोर्ट अपने विभागीय अधिकारी को देंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।