दस्तावेजों के मूल्यांकन की तैयारी में जुटा आयकर विभाग, छह बड़े कारोबारियों के 20 ठिकानों पर चला सर्च ऑपरेशन
आयकर विभाग दस्तावेजों के मूल्यांकन की तैयारी कर रहा है। विभाग ने छह बड़े कारोबारियों के 20 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। यह कार्रवाई कर चोरी और वित्ती ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। आयकर विभाग द्वारा हाल ही में आटोमोबाइल, रियल एस्टेट, शराब और खाद्य तेल क्षेत्र के छह बड़े कारोबारियों के खिलाफ की गई छापेमारी अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है।
विभाग की 12 टीमों ने पांच दिनों तक चले व्यापक सर्च आपरेशन के बाद भारी मात्रा में वित्तीय अनियमितताओं के सुराग जुटाए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई में 500 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी और अघोषित संपत्ति का खुलासा होने की संभावना है।
छापेमारी के दौरान जब्त किए गए महत्वपूर्ण दस्तावेजों को 12 बड़े बक्सों में सुरक्षित रखा गया है। सोमवार से आयकर अधिकारियों की विशेष टीमें इन दस्तावेजों का सूक्ष्म मूल्यांकन शुरू करेंगी।
इस प्रक्रिया के तहत कारोबारियों द्वारा दाखिल किए गए आयकर रिटर्न (आइटीआर) और वास्तविक लेनदेन के आंकड़ों का मिलान किया जाएगा। यदि घोषित आय और वास्तविक टर्नओवर में कोई भी अंतर पाया जाता है, तो विभाग संबंधित कारोबारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा।
संपत्तियां सील, साक्ष्यों की मांग
आयकर विभाग ने न केवल दस्तावेजों को कब्जे में लिया है, बल्कि कई बैंक खातों और लाकर को भी सील कर दिया है। छापेमारी में बरामद नकदी और जेवरात के संबंध में कारोबारियों से खरीद और आय के वैध साक्ष्य मांगे गए हैं। संतोषजनक जवाब न मिलने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
फेसलेस प्रणाली से होगी आगे की कार्रवाई
आयकर की नई व्यवस्था के तहत अब यह मामला फेसलेस असेसमेंट के दायरे में आएगा। इसका अर्थ है कि मामले की आगे की सुनवाई और मूल्यांकन किस शहर या जोन का अधिकारी करेगा, यह पूरी तरह गोपनीय और स्वचालित होगा।
इस पारदर्शी व्यवस्था के कारण स्थानीय हस्तक्षेप की संभावना समाप्त हो गई है, जिससे कारोबारियों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

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