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    आबकारी विभाग का नया नियम, बीस लीटर तक कच्ची मिली तो देना होगा पांच हजार जुर्माना Gorakhpur News

    By Satish ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 21 Dec 2019 07:00 PM (IST)

    एक लीटर कच्ची शराब पकड़े जाने पर अधिकतम 1800 रुपये व 20 लीटर तक की बरामदगी पर निरीक्षक पांच हजार रुपये जुर्माना लगा सकता है।

    आबकारी विभाग का नया नियम, बीस लीटर तक कच्ची मिली तो देना होगा पांच हजार जुर्माना Gorakhpur News

    गोरखपुर, जेएनएन। कच्ची शराब बनाने व बेचने वालों पर अब और सख्ती की जाएगी। अवैध शराब के काले कारोबार पर नकेल कसने के लिए आबकारी अधिनियम की धाराओं में संशोधन कर उसे और सख्त बनाया गया है। इस संशोधन के बाद 20 लीटर तक कच्ची शराब बरामद होने पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है।

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    जनवरी से लगेगा जुर्माना

    आबकारी अधिनियम की संशोधित धारा 60 (1) व (2) के तहत शराब निर्माण व बिक्री के अड्डे पर एक से लेकर 20 लीटर तक शराब बरामद होने पर जनवरी 2020 से जुर्माना लगाया जाएगा। अधिनियम में संशोधन के बाद जुर्माना लगाने का अधिकार आबकारी निरीक्षक को दिया गया है। एक लीटर कच्ची शराब पकड़े जाने पर अधिकतम 1800 रुपये व 20 लीटर तक की बरामदगी पर निरीक्षक पांच हजार रुपये जुर्माना लगा सकता है।

    अभी तक था मात्र 100 रुपये जुर्माना

    मालूम हो कि अधिनियम में संशोधन से पहले कच्ची शराब बनाने व बेचने पर 50 से लेकर 100 रुपये तक जुर्माना लगाया जाता था। सर्व विदित है कि गोरखपुर व बस्ती समेत प्रदेश के सभी मंडलों में हर तरफ अवैध शराब का कारोबार फैला हुआ है। इस काले कारोबार के कारण शासन को हर माह करोड़ों के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। आर्थिक नुकसान से बचने व राजस्व बढ़ाने के लिए आबकारी अधिनियम में संशोधन किया गया और जुर्माने की राशि 10 से 20 गुना बढ़ाई गई। जुर्माने की राशि बढ़ाए जाने की पुष्टि जिला आबकारी अधिकारी वीपी सिंह ने की। कहा कि शासनादेश जारी हो गया है। निरीक्षकों को मौके पर ही जुर्माना लगाने का अधिकार द दिया  गया है।

    गोरखपुर में 132 स्थानों पर हो रह कच्ची का निर्माण

    गोरखपुर जिले में 132 स्थानों पर कच्ची शराब का निर्माण हो रहा है और दिन-रात भट्ठियां धधक रहीं हैं। इन स्थानों पर निर्मित शराब 370 स्थानों पर बेची जा रही है। यह जानकारी आबकारी विभाग द्वारा कराए गए सर्वे में हुई है।

    यहां हो रहा कच्‍ची का निर्माण

    आबकारी विभाग के सर्वेक्षण में पता चला है कि कच्ची शराब का सर्वाधिक निर्माण चिलुआताल, शाहपुर, तिवारीपुर, राजघाट, खोराबार, चौरीचौरा, पिपराइच, कैंपियरगंज, गोला, खजनी व सहजनवां क्षेत्र में हो रहा है। आबकारी विभाग ने कच्ची का निर्माण कराए जाने वाले संदिग्ध स्थानों को सूचीबद्ध कराया है। इन सूचीबद्ध 132 स्थानों पर कुटीर उद्योग का रूप ले चुके काले कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए चरणबद्ध अभियान चलाने की योजना बनाई गई है। योजना के तहत प्रथम चरण में सेक्टर एक व दो में कच्ची के कारोबार पर विराम लगाया जाएगा। नदियों के किनारों संग अमुरतानी व जंगल में हो रहे अवैध शराब का निर्माण रोकने के लिए संबंधित थानों की मदद भी लेने का निर्णय लिया गया है।

    सभी स्‍थानों पर पड़ेगा छापा

    आबकारी निरीक्षक अरविंद मिश्र व सेक्टर दो के निरीक्षक राकेश त्रिपाठी ने आबकारी विभाग द्वारा जिले में कच्ची शराब निर्माण के 132 स्थानों को सूचीबद्ध कराए जाने की पुष्टि की। उन्‍होंने कहा कि सभी स्थानों पर भी छापे डाले जाएंगे और कच्ची के कारोबार पर प्रभावी अंकुश लगाया जाएगा।

    कच्ची निर्माण पर रोक के लिए मिला एक और वाहन

    शासन के निर्देश पर चल रहे आपरेशन गरल अभियान की सफलता के लिए आबकारी विभाग को आज एक और चार पहिया वाहन उपलब्ध कराया गया। इसके पहले जिला आबकारी अधिकारी व उपायुक्त के वाहनों से काम चलाया जा रहा था।

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