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Indian Railways: एनईआर में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर चलाई जा रही हैं ट्रेनें, मुसीबत में पड़ सकते हैं यात्री

रेलवे प्रशासन ने एक सितंबर से ही लोको पायलटों को लाइन बाक्स के साथ टूल किट (संरक्षा उपकरण) देना भी बंद कर दिया है। यही स्थिति रही तो कभी भी ट्रेन खड़ी हो सकती है। रेलवे को तो नुकसान उठाना ही पड़ेगा यात्रियों की परेशानी भी बढ़ जाएगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 08:02 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 01:58 PM (IST)
Indian Railways: एनईआर में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर चलाई जा रही हैं ट्रेनें, मुसीबत में पड़ सकते हैं यात्री
पूर्वोत्‍तर रेलवे ट्रेनों को चलाने में संरक्षा न‍ियमों की अनदेखी कर रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पिछले माह पीपीगंज के पास गोंडा जा रही मालगाड़ी की कपलिंग टूट गई। कोई दुर्घटना तो नहीं हुई लेकिन लोको पायलटों और गार्डों ने टार्च जलाकर कपलिंग को दुरुस्त किया तो ट्रेन आगे बढ़ी। वैसे कोई नहीं चाहेगा कि इस तरह की दुर्घटना हो। लेकिन अगर रास्ते में किसी भी ट्रेन का इंजन जवाब दे गया या उसके सामने कोई जानवर आ गया। कोचों के बीच की कपलिंग टूट गई या कोई अन्य तकनीकी खामी आ गई। ऐसी परिस्थिति में अब समय से मरम्मत नहीं हो पाएगी। गोरखपुर-लखनऊ के बीच बिना संरक्षा उपकरण के ही ट्रेनें चल रही हैं।

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सिर्फ झंडी, पटाखा और टार्च लेकर चलने को मजबूर हैं लखनऊ मंडल के लोको पायलट

दरअसल, लखनऊ मंडल प्रशासन ने एक सितंबर से ही लोको पायलटों को लाइन बाक्स के साथ टूल किट (संरक्षा उपकरण) देना भी बंद कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि वे लाइन बाक्स, टूल किट व नियमावली पुस्तिका नहीं देंगे। वहीं लोको पायलटों का कहना है कि वे ट्राली बैग और नियमावली से संबंधित पेन ड्राइव नहीं लेंगे। सिर्फ झंडी, पटाखा और टार्च लेकर चलेंगे। जानकारों के अनुसार लखनऊ मंडल के करीब 500 लोको पायलट पिछले 22 दिनों से लाइन बाक्स में संरक्षा से संबंधित 21 सामग्रियों व उपकरणों की जगह सिर्फ झंडी, पटाखा और टार्च के भराेसे ट्रेन चला रहे हैं।

लाइन बाक्स की जगह द‍िया जा रहा ट्राली बैग

रेलवे बोर्ड का कहना है कि प्रयोग के तौर पर लोको पायलटों को लाइन बाक्स की जगह ट्राली बैग दिए जा रहे हैं। रनिंग स्टाफ पर दबाव नहीं डाला जाएगा। लेकिन पूर्वोत्तर रेलवे में तो संरक्षा के साथ ही खिलवाड़ हो रहा है। यही स्थिति रही तो कभी भी ट्रेन खड़ी हो सकती है। रेलवे को तो नुकसान उठाना ही पड़ेगा, यात्रियों की परेशानी भी बढ़ जाएगी। हालांकि, गार्डों के उग्र प्रदर्शन के बाद रेलवे प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। गार्डों को ट्राली बैग नहीं दिए जा रहे। इसके बाद भी कर्मचारी संगठनों का आंदोलन जारी है। आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के विनय कुमार शर्मा व जेएन शाह, एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्त और पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद कुमार राय रेलवे प्रशासन से ट्राली बैग के आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

बैग की जगह टूल किट ही दे दो साहब

लोको पायलट लाइन बाक्स से कहीं ज्यादा टूल किट नहीं मिलने से आहत हैं। उनका कहना है कि टूल किट में मरम्मत के लगभग सभी उपकरण होते हैं। किसी भी विषम परिस्थिति में वे उनका उपयोग कर लेते हैं। लेकिन अब वे निहत्थे हो गए हैं। रेलवे प्रशासन बैग की जगह टूल किट ही दे दे या ट्रेन में कहीं एक जगह व्यवस्थित भी करा दे।


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