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    आइएमए ने बदला अपना संव‍िधान, अब एक साथ दो अध्‍यक्षों का होगा चुनाव

    वार्षिक चुनाव को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने अपनी परिनियमावली में संशोधन किया गया है। अब वर्तमान के साथ ही अगले वर्ष के ल‍िए भी अध्‍यक्ष का चुनाव होगा। संशोधन के अनुसार अब कोई भी सदस्य एक साथ एक से अधिक पदों पर चुनाव नहीं लड़ सकेगा।

    By Pradeep SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 17 May 2022 10:02 AM (IST)
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    चुनाव के ल‍िए आइएमए ने अपनेे अपने संव‍िधान में संशोधन क‍िया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की परिनियमावली में संशोधन किया गया है। इस साल पहली बार प्रेसीडेंट इलेक्ट (आगामी वर्ष के लिए अध्यक्ष) का चुनाव होगा। इसके साथ ही अंतिम बार वर्तमान वर्ष के अध्यक्ष भी चुने जाएंगे। इसके बाद हर साल केवल प्रेसीडेंट इलेक्ट ही चुने जाएंगे। संशोधन के अनुसार अब कोई भी सदस्य एक साथ एक से अधिक पदों पर चुनाव नहीं लड़ सकेगा। साथ ही किसी पद पर रह चुके सदस्य पुन: उस पद के लिए चुनाव मैदान में नहीं आ सकेंगे।

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    एक साथ कई पदों पर नहीं लड़ सकेगा कोई भी सदस्य

    हर पद पर चुनाव लड़ने के लिए एक निर्धारित वर्ष तक सदस्य रहना अनिवार्य कर दिया गया है। अध्यक्ष के लिए सात साल की सदस्यता अनिवार्य होगी। उपाध्यक्ष के लिए छह साल, सचिव व कोषाध्यक्ष के लिए पांच-पांच साल तथा अन्य पदों व कार्यकारिणी सदस्यों के लिए तीन साल की सदस्यता अनिवार्य कर दी गई है। साथ ही चुनाव लड़ने के लिए जनरल बाडी की मीटिंग में 50 प्रतिशत उपस्थिति भी अनिवार्य होगी।

    सबकी सहमति से किया गया परिनियमावली में संशोधन

    इसके पहले संगठन के प्रदेश स्तरीय चुनाव में प्रेसीडेंट इलेक्ट चुना जाता था। स्थानीय स्तर के चुनाव में वर्तमान साल के अध्यक्ष ही चुने जाते रहे हैं। चूंकि प्रेसीडेंट इलेक्ट एक साल बाद (2023-24 में) कार्यभार ग्रहण करेंगे, इसलिए इसी के साथ 2022-23 के लिए अध्यक्ष का भी चुनाव होगा। इस साल सचिव का भी चुनाव किया जाएगा, इस पद का कार्यकाल दो साल का होता है, जो इस वर्ष पूरा हो रहा है। वर्तमान में सीना रोग विशेषज्ञ डा. वीएन अग्रवाल सचिव हैं।

    सबकी सहमति से परिनियमावली में संशोधन किया गया है। एक पद पर जीत हासिल कर लेने के बाद पुन: उसी पद के लिए अब कोई चुनाव नहीं लड़ पाएगा। इससे दूसरों को मौका मिलेगा। साथ ही एक बार में कोई भी सदस्य केवल एक पद पर चुनाव लड़ सकेगा। इससे अनेक लोगों को संगठन में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। - डा. शिव शंकर शाही, अध्यक्ष, आइएमए।