पीलिया से छुड़ानी है जान तो इन चीजों का रखें ध्यान, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान
गोरखपुर में दूषित जल से पीलिया का खतरा बढ़ जाता है जिससे शरीर पीला पड़ने लगता है। समय पर इलाज न होने पर बीमारी गंभीर हो सकती है। डॉ. बीके सुमन के अनुसार पीलिया होने पर तुरंत सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार कराना चाहिए झाड़-फूंक से बचना चाहिए। मूली आंवला और नींबू का सेवन फायदेमंद होता है जबकि तेल-घी और मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर । पीलिया का मुख्य कारण दूषित जल है। इस रोग में शरीर पीला पड़ने लगता है। शरीर में खून की कमी होने लगती है। आंखों का सफेद हिस्सा और नाखून भी पीले हो जाते हैं। समय से उपचार व परहेज नहीं किया गया तो यह बीमारी गंभीर हो जाती है। वर्षा के समय में इससे पीड़ितों की संख्या बढ़ जाती है। यदि शुद्ध पेयजल का सेवन किया जाए तो इस रोग की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है।
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. बीके सुमन ने बताया कि पीलिया होने पर कई लोग झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं। इससे रोग के गंभीर होने की आशंका बढ़ जाती है। जब भी लक्षण दिखें, सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और उपचार कराएं।
यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाती है। पीलिया का कारण हेपेटाइटिस 'ए' या हेपेटाइटिस 'सी' वायरस होता है। इस रोग के होने पर सिर दर्द, बुखार, मतली, उल्टी, भूख कम लगना और थकान होती है। मूली, आंवला, नींबू, टमाटर का सेवन इसमें लाभदायक होता है। लिवर को क्षति पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थों या पेय से बचना चाहिए। जैसे तेल-घी, मैदा, एल्कोहल, मिर्च-मसाले नहीं खाना चाहिए। मांस व अंडे के सेवन से भी परहेज करना चाहिए।
पीलिया के लक्षण
-आंखों व त्वचा का पीला होना
-पीला पेशाब होना
-पेट दर्द व मिट्टी के रंग का मल।
-भूख कम लगना
-वजन का गिरना
-बुखार, सिर दर्द, थकान, कमजोरी
-उल्टी व मतली
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