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    UP के इस शहर में 20 साल से ज्यादा पुराना मकान है तो संपत्ति कर में मिलेगी 40 प्रतिशत की छूट, गड़बड़ी में भी करा सकते हैं सुधार

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Wed, 02 Jul 2025 02:07 PM (IST)

    House Tax News जीआइएस सर्वे के बाद रुस्तमपुर वार्ड के एक व्यक्ति के संपत्ति कर में करीब तीन गुना की बढ़ोतरी कर दी गई थी। उन्होंने नगर निगम की वेबसाइट पर जाकर संपत्ति कर निर्धारण संबंधित प्रविधानों के अनुसार खुद ही संपत्ति कर निर्धारित कर लिया। उसी आधार पर निगम में आपत्ति की।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जीआइएस सर्वे के बाद शहर के लोग निगम के द्वारा निर्धारित संपत्ति कर में गड़बड़ी की वजह से काफी परेशान हैं। इसे ठीक कराने के लिए लोगों को अक्सर निगम में चक्कर लगाना पड़ रहा है। पार्षदों के पास पहुंचकर भी लोग अपनी व्यथा सुनाते हैं। निगम की ओर से आयोजित कैंप में भी काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इसके बाद भी कुछ न कुछ गड़बड़ी रह जा रही है।

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    निगम में चक्कर लगाने के बजाए अगर आप चाहें तो न सिर्फ खुद भी अपने संपत्ति कर का निर्धारण कर सकते हैं। बल्कि निगम के द्वारा गलत ढंग से निर्धारित किए गए संपत्ति कर में सुधार का दावा भी कर सकते हैं। संपत्ति कर निर्धारण संबंधित सारी जानकारी नगर निगम की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

    जीआइएस सर्वे के बाद रुस्तमपुर वार्ड के एक व्यक्ति के संपत्ति कर में करीब तीन गुना की बढ़ोतरी कर दी गई थी। उन्होंने नगर निगम की वेबसाइट पर जाकर संपत्ति कर निर्धारण संबंधित प्रविधानों के अनुसार खुद ही संपत्ति कर निर्धारित कर लिया।

    उसी आधार पर निगम में आपत्ति की। उनके संपत्ति कर में सुधार हुआ और टैक्स 7514 से घटकर 2700 रुपये रह गया। इस तरह आप भी अपने संपत्ति कर में सुधार करा सकते हैं। अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति स्वयं ही अपनी संपत्ति का निर्धारण कर सकता है।

    स्वकर निर्धारण आवेदन के लिए वेबसाइट

    http://gorakhpurnagarnigam.up.gov.in/selfassissmentform.aspx इस तरह स्वयं कर सकते हैं संपत्ति कर की गणना

    • भवन के कुल आच्छादित क्षेत्रफल का 80 प्रतिशत भवन का कारपेट एरिया माना जाएगा।
    • कारपेट एरिया = सभी कमरों व आच्छादित बरामदों का पूर्ण आंतरिक आयाम 1/2 (समस्त बालकनी, कारीडोर, रसोई, भंडार गृह का आयाम) 1/4 (समस्त गैराज का आंतरिक आयाम)
    • नोट : स्नानगृह, शौचालय, पोर्टिको और जीने से आच्छादित क्षेत्रफल कारपेट एरिया का भाग नहीं हाेता है।
    • भूखंड/भवन किस चौड़ाई की सड़क किनारे स्थित है उसके आधार पर निर्धारित होता है। 12 मीटर/ 12 मीटर से अधिक 24 मीटर तक चौड़ी सड़क पर व 24 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क पर सर्किल रेट के हिसाब से क्रमश: 70 पैसे तक 1.25 प्रतिशत तक, 80 पैसे से 1.50 रुपये तक और एक से दो रुपये तक निर्धारित होता है।
    • भवन निर्माण की प्रकृति - पक्का भवन आरसीसी/आबीसी छत (ए श्रेणी), पक्का भवन- दीवारें पक्की किंतु छत आरसीसी व आबीसी न हो (बी श्रेणी), कच्चा भवन (सी श्रेणी)
    • भवन का वार्षिक मूल्यांकन- स्वकर के लिए आंकलित कर की प्रति वर्ग फुट दर को कारपेट एरिया से गुणा करने पर आए मासिक दर को 12 से गुणा करने पर आयी धनराशि वार्षिक मूल्यांकन होगा।
    • आपके भवन से 200 मीटर परिधि के अंदर यदि पेयजल की आपूर्ति है तो 12 प्रतिशत जलकर देय होगा।
    • आपके भवन से 100 मीटर परिधि के अंदर यदि सीवर लाइन है तो 3 प्रतिशत सीवरकर देय होगा।
    • आवासीय संपत्ति का वार्षिक मूल्य

    कुल तलों का कुल कवर्ड एरिया का 80% गुणा न्यूनतम प्रति वर्ग फुट मासिक किराया दर गुणा 12 = ए %

    • देय संपत्ति का प्रति वर्ष - गृहकर = ए का 12 प्रतिशत
    • जलकर = ए का 12 प्रतिशत
    • ड्रेनेज कर = ए का 3 प्रतिशत

    ए का 27 प्रतिशत

    • यदि संपत्ति स्वयं विकसित है तो 10 वर्ष, 10 वर्ष से 20 वर्ष और 20 वर्ष से अधिक पुरानी संपत्ति के लिए निर्धारित वार्षिक मूल्य (ए) में क्रमश: 25 प्रतिशत, 32.5 प्रतिशत और 40 प्रतिशत तक की छूट के बाद निर्धारित वार्षिक मूल्य पर गृहकर, जलकर और ड्रेनेज (सीवर) कर की गणना कर सकते हैं।
    • यदि संपत्ति में किरायेदारी है तो 10 वर्ष, 10 से 20 वर्ष के अवधि की पुरानी संपत्ति के लिए निर्धारित वार्षिक मूल्य में क्रमशः 25%, व 12.5% की वृद्धि के बाद जो वार्षिक मूल्य होगा उस पर गृहकर, जलकर व ड्रैनेज कर की गणना की जायेगी। 20 वर्ष से ऊपर की संपत्ति के वार्षिक मूल्यांकन यथावत रहेगा।
    • अनावसीय संपत्तियों कर की गणना में निर्माण वर्ष और किराएदारी यदि संबंध में कोई छूट नहीं है। छूट केवल आवासीय संपत्ति के लिए है।
    • यदि संपत्ति का उपयोग मिश्रित उपयोग है तो आवासीय और अनावसीय भाग का वार्षिक मूल्यांकन की गणना को जोड़कर वार्षिक मूल्य निर्धारित होता है।