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    ऐसा दिखता है क्यूआर कोड वाला परिचय पत्र, UP Board ने परीक्षा में पारदर्शिता के लिए किया जारी

    By Prabhat Pathak Edited By: Aysha Sheikh
    Updated: Sat, 10 Feb 2024 10:48 AM (IST)

    UP Board Exam बोर्ड ने शिक्षकों का परिचय पत्र प्रधानाचार्यों के पैनल पर जारी किया है। जिसे डाउनलोड कर डीआइओएस से हस्ताक्षर कराकर वितरित करेंगे। जिन शिक्षकों का परिषद की वेबसाइट पर नाम अंकित नहीं है उनके लिए बोर्ड ने सादा परिचय पत्र प्रधानाचार्यों के पैनल पर जारी किया है। ताकि उनकी कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी लगाई जा सके।

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    बोर्ड से जारी क्यूआर कोड वाला परिचय पत्र।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने परीक्षा के दौरान पारदर्शिता बरतने हुए पहली बार कक्ष निरीक्षकों को क्यूआर कोड वाला परिचय पत्र जारी किया है। जिसे स्कैन करते ही संबंधित शिक्षक का फोटो सहित संपूर्ण ब्योरा मसलन नाम, ड्यूटी का नाम, फोटो, विद्यालय का नाम, अध्यापक का विषय, पद व मोबाइल नंबर आदि जानकारी सामने आ जाएगी।

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    बोर्ड ने शिक्षकों का परिचय पत्र प्रधानाचार्यों के पैनल पर जारी किया है। जिसे डाउनलोड कर डीआइओएस से हस्ताक्षर कराकर वितरित करेंगे। साथ ही डीआइओएस द्वारा जारी कक्ष निरीक्षकों की सूची के अनुसार प्रधानाचार्य कक्ष निरीक्षक का नाम अंकित कर इस बार परीक्षा से चार दिन पूर्व यानी 22 फरवरी से शुरू होने वाली परीक्षा के लिए 19 फरवरी को ही कार्यमुक्त कर देंगे। उसी दिन कक्ष निरीक्षक को संबंधित परीक्षा केंद्र पर रिपोर्टिंग भी करनी होगी।

    सादा परिचय पत्र भी बोर्ड ने किया है जारी

    जिन शिक्षकों का परिषद की वेबसाइट पर नाम अंकित नहीं है उनके लिए बोर्ड ने सादा परिचय पत्र प्रधानाचार्यों के पैनल पर जारी किया है। ताकि उनकी कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी लगाई जा सके। यह परिचय पत्र डिस्ट्रिक व विद्यालय कोड अंकित करते हुए बोर्ड ने जारी किया है।

    बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षक बनाने में केंद्र व्यवस्थापक पहले खेल कर देते हैं। विषय से संबंधित बाहरी शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक के रूप में तैनात कर दिया जाता था। केंद्र व्यवस्थापकों की इस मनमानी पर परिषद ने रोक लगाने के लिए कक्ष निरीक्षक बनाने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। परिषद ने शिक्षकों का ब्योरा पहले ही वेबसाइट पर अपलोड करा लिया था। इसी आधार पर परिचय पत्र जारी किए गए हैं। -डा.अमरकांत सिंह, डीआइओएस