IAS महेंद्र सिंह तंवर ने दिया विकास का नया मॉडल, शासन स्तर से मिली सराहना; पूरे यूपी में लागू करने की तैयारी
गोरखपुर में जीडीए के उपाध्यक्ष रहे आईएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर को संतकबीर नगर जिले में जिलाधिकारी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। महेंद्र सिंह तंवर ने बतौर जीडीए उपाध्यक्ष गोरखपुर जिले को भूमि मुद्रीकरण के जरिए विकास कार्य कराने का माडल प्रस्तुत किया। इस माडल को न सिर्फ जिले बल्कि शासन स्तर से भी सराहना मिली। सभी प्राधिकरण में इसे लागू करने की तैयारी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) में 11 महीना 20 दिन तक उपाध्यक्ष के रूप में सेवा देने वाले महेंद्र सिंह तंवर गोरखपुर को विकास का नया माडल देने के लिए जाने जाएंगे। उनका स्थानांतरण संतकबीरनगर के डीएम पद पर हुआ है। भूमि मुद्रीकरण (धनराशि के बदले जमीन देना) के जरिए उन्होंने खोराबार में टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना को लांच करने में सफलता पाई। सात प्रतिशत जमीन देकर लगभग 245 करोड़ से अधिक का विकास कार्य कराया। इस माडल को शासन स्तर पर भी सराहना मिली और अन्य प्राधिकरणों में भी लागू करने के लिए नजीर के तौर पर इसे प्रेषित किया गया है।
खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना को किया लांच
2015 बैच के आइएएस अधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने जीडीए उपाध्यक्ष के रूप में 21 सितंबर, 2022 को कार्यभार ग्रहण किया था। कार्यभार संभालने के बाद उनका फोकस लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने पर रहा। उन्होंने सबसे पहले खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी योजना को लांच किया। वहां के विवाद को भी निस्तारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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विकास के पथ पर अग्रसर गोरखपुर में बढ़ती आबादी की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए छह हजार एकड़ में नया गोरखपुर की योजना की रूपरेखा तैयार करने का श्रेय भी उन्हें मिलेगा। शासन ने इसके लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है और पहली किस्त के रूप में 400 करोड़ रुपये स्वीकृत भी हो चुके हैं। उन्होंने राप्तीनगर विस्तार टाउनशिप एवं स्पोर्ट्स सिटी की योजना पर भी काम आगे बढ़ाया और इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जा चुके हैं। विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल जारी करने में कामयाब रहे।
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जीडीए की महायोजना 2031 के प्रारंभिक प्रारूप पर आई आपत्तियों के निस्तारण से लेकर शासकीय समिति के सामने प्रस्तुतीकरण तक वह कामयाब रहे। अब महायोजना एक कदम दूर रह गई है। शहर में 2500 एकड़ भूमि को विनियमित करने का प्रविधान कर बड़ी आबादी को राहत देने का श्रेय भी महेंद्र सिंह तंवर को मिलेगा। इसके साथ ही सफाई की डोर टू डोर व्यवस्था बनाना, पहली बार प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट स्थापित करने जैसी कई उपलब्धियां उनके खाते में दर्ज रहेंगी।