Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gorakhpur News: 2008 बैच के IAS अनिल ढींगरा ने लिया चार्ज, मेरठ में डीएम रहते मिला था प्रधानमंत्री से पुरस्कार

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Tue, 11 Jul 2023 03:04 PM (IST)

    Gorakhpur News In Hindi IAS Anil Dhingra Gorakhpur हाल ही में हुए तबादलों में गोरखपुर के मंडलायुक्त को भी तबादला हुआ था। मंगलवार को नवागत मंडलायुक्त ने कार्यभार संभाल लिया है। नवागत मंडलायुक्त 2008 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के एमडी के पद और कार्यरत थे। मेरठ में डीएम रहते हुए उन्हें पीएम से पुरस्कार मिला था।

    Hero Image
    Gorakhpur News In Hindi: नवागत मंडलायुक्त ने संभाला कार्यभार।

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नवागत मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने मंगलवार को आयुक्त कार्यालय पहुंचकर कार्यभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने बताया कि विकाज़ योजनाओं को समय से धरातल ओर उतारना उनकी प्राथमिकता होगी। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली के रहने वाले हैं अनिल ढींगरा

    दिल्ली के मूल निवासी अनिल ढींगरा सीए हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए भी किया है। उनकी पहली पोस्टिंग ज्वाइंट मजिस्ट्रेट फर्रुखाबाद की जिम्मेदारी संभाली है। इसके बाद उन्हें रामपुर का सीडीओ बनाया गया। रामपुर में ही वह जिलाधिकारी रहे। उन्हें विशेष सचिव वाणिज्यिक की जिम्मेदारी भी दी गई। इसके बाद वह मिर्जापुर, अयोध्या, मेरठ और हापुड़ के डीएम बने। वित्त विभाग में उन्होंने विशेष सचिव और आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई।

    एमडी के रूप में कर चुके हैं काम

    पावर कारपोरेशन में केस्को कानपुर के एमडी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। एमडी जल निगम अर्बन रहते हुए उन्होंने गोरखपुर की दो प्रमुख परियोजनाओं गोड़धोइया नाला और रामगढ़ ताल में लग रही 38 एमएलडी एसटीपी के लिए चयनित जमीन का निरीक्षण किया था।

    2022 में पा चुके हैं प्रधानमंत्री पुरस्कार

    अनिल ढींगरा को मेरठ में डीएम रहते हुए किये गए अच्छे कार्यों के लिए 15वें सिविल सर्विसेज दिवस के अवसर पर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पुरस्कार से पुरस्कृत किए गए थे। उन्होंने मेरठ में केंद्र की ऋण योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू कराया था। दो साल में 18000 करोड़ से अधिक ऋण केवल मेरठ में वितरित हुआ था।