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    सोना खरीदने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान, मिलावटी होने का शक हो तो कराएं जांच, जानें- कितना लगेगा चार्ज

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Sun, 02 Apr 2023 01:16 PM (IST)

    गोरखपुर में पिछले दिनों आभूषण की दुकान पर भारी मात्रा में नकली सोना-चांदी मिलने के बाद धंधेबाजों पर नकेल कसने की योजना बनाई गई है। बीआइएस के निर्णय के बाद शहर के सभी सराफा व्यवसायियों ने पुराने आभूषणों पर भी एचयूआइडी वाले हालमार्क अंकित कराए हैं।

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    मिलावटी स्वर्ण आभूषणों के धंधे पर नकेल लगाएगा एचयूआइडी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। आभूषण व्यवसायियों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने स्वर्ण आभूषणों पर हालमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआइडी) अनिवार्य कर दिया है। अब ज्वेलर्स बिना एचयूआइडी वाला सोना नहीं बेच सकेंगे। नई व्यवस्था के बाद ऐसे व्यवसायी जिनके पास आभूषण के पुराने स्टाक मौजूद थे उन्होंने भी उस पर एचयूआइडी करा लिया है, ताकि बिक्री के दौरान किसी तरह की समस्या न हो।

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    कारोबारियों ने आभूषण के पुराने स्टाक को बदलकर नए स्टाक रखें

    शहर के हिंदी बाजार, गोलघर, अलीनगर, असुरन तथा रुस्तमपुर के सराफा कारोबारी अपने-अपने शोरूम में आभूषण के पुराने स्टाक को बदलकर नए स्टाक रखें। अभी तक सोने के आभूषण पर चार अंक का हालमार्क होता था, लेकिन सरकार ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए इसे छह अंक एचयूआइडी कर दिया है। ग्राहक एचयूआइडी देखने के बाद ही आभूषण खरीदें तथा खरीदारी करते समय पक्की रसीद भी लें।

    236 रुपये में करा सकेंगे आभूषण की जांच

    आभूषण के मिलावटी होने का शक होने पर ग्राहक अपने आभूषण की जांच भी करा सकते हैं। इसके लिए ग्राहक को सरकार द्वारा संचालित हालमार्क सेंटर पर जाना होगा और प्रति ग्राम आभूषण के बदले 200 रुपये और 18 प्रतिशत जीएसटी यानी लगभग 236 रुपये का भुगतान करना होगा।

    क्या कहते हैं सराफा मंडल के अध्यक्ष

    सराफा मंडल के अध्यक्ष गणेश वर्मा ने कहा कि एचयूआइडी अनिवार्य किए जाने के बाद शहर के सभी सराफा व्यवसायियों को एचयूआइडी वाला आभूषण बेचने की हिदायत दे गई है। कई विक्रेता पहले से भी बेच रहे थे। अब ग्राहकों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।

    तस्करी के सोने से फल-फूल रहा पूर्वांचल का बाजार

    पूर्वांचल का सबसे बड़ा सोने-चांदी के आभूषण का बाजार होने के कारण गोरखपुर में तस्करी का सोना आराम से खप जाता है। अधिक मुनाफे के चक्कर में तस्कर नेपाल के रास्ते बैंकाक, सिंगापुर व थाइलैंड के सोने की यहां तस्करी करते हैं। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) द्वारा पूर्व में कई मामलों में की गई कार्रवाई साबित करते हैं कि तस्करी के सोने से पूर्वांचल का सराफा बाजार फल-फूल रहा है।

    तस्करों के लिए सुरक्षित है नेपाल का रास्ता

    तस्करों के लिए नेपाल का रास्ता सुरक्षित है। यही वजह है कि तस्कर नेपाल के रास्ते सोना गोरखपुर लाते हैं और फिर देश के अलग-अलग शहरों में भेजते हैं। जांच एजेंसी को भी इसकी जानकारी है। इसी के तहत डीआरआइ ने मार्च, 2020 में ही सोना तस्करी के आरोप में गोरखपुर के पांच युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इन सबने भी नेपाल के जरिये सोना तस्करी करने की बात स्वीकार की थी।