Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मकान दो हजार स्क्वायर फीट में, टैक्‍स दे रहे स‍िर्फ पांच सौ फीट का- जीआइएस सर्वे पकड़ रहा चोरी

    By Pradeep SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 30 Jul 2021 08:05 AM (IST)

    गोरखपुर में जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) से मकानों के सर्वे में चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आ रहे हैं। अधिकांश लोगों ने अपने मकान का कर पूरे क्षेत्रफल से बहुत कम लगवाया है। अब जुर्माना के साथ सभी से पूरा कर वसूला जा रहा है।

    Hero Image
    गोरखपुर में हाउस टैक्‍स न‍िर्धारण के ल‍िए नगर न‍िगम जीआइएस सर्वे करवा रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। गोरखपुर नगर न‍िगम के वार्ड नंबर 20 गिरधरगंज में जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) से सर्वे करने पहुंची टीम मकान के क्षेत्रफल और दिए जा रहे कर को देख चौंक गई। मकान दो हजार स्क्वायर फीट में बना था लेकिन क्षेत्रफल सिर्फ पांच सौ स्क्वायर फीट दिखाकर कर का भुगतान किया जा रहा था। टीम ने अपने सिस्टम में नया क्षेत्रफल फीड किया तो कर चार गुना बढ़ गया। यह सिर्फ एक मकान की बात नहीं है। शहर में चल रहे जीआइएस सर्वे में ज्यादातर मकानों का क्षेत्रफल बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। क्षेत्रफल के आधार पर कर भी बढ़ रहा है। इससे नगर निगम को आय होनी शुरू हो गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे करते हैं सर्वे

    इंडियन टेलीकाम इंडस्ट्रीज (आइटीआइ) बंगलुरु को कई जिलों में जीआइएस सर्वे का जिम्मा दिया गया है। आइटीआइ इलाके का सेटेलाइट से नक्शा निकालती है और फिर उनकी टीम के सदस्य घर-घर जाकर क्षेत्रफल की जांच करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सेटेलाइट की मदद से नक्शा लिया जाता है। इलाके में पहुंचे आइटीआइ टीम के सदस्य मकान की चार फोटो लेते हैं, साथ ही मकान के क्षेत्रफल की नाप लेते हैं। मकान नंबर, अब तक दिए जा रहे कर आदि की जानकारी के साथ इसे सिस्टम में फीड किया जाता है। सर्वे में मिली सूचना के आधार पर नगर निगम के राजस्व निरीक्षक दोबारा जांच करते हैं। इसके बाद रिपोर्ट को फाइनल किया जाता है। फिर कर बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होती है।

    बंटवारा तो कम हो रहा क्षेत्रफल

    कुछ मकानों का क्षेत्रफल कम हो रहा है। दरअसल, इन मकानों का बंटवारा हो जाने के बाद कहीं दो तो कहीं इससे ज्यादा हिस्सेदार हो गए हैं। ऐसे में क्षेत्रफल कम हो जा रहा है।

    इन वार्डों का हो चुका सर्वे

    14, 57, 19, 20, 21, 60, 25, 29, 09, 54, 37, 31, 17, 24

    इन वार्डों में चल रहा सर्वे

    66, 30, 07, 22, 48, 11, 18, 01, 03, 05, 13

    दोबारा जांच वाले वार्ड

    57, 31, 21, 25, 29

    इन वार्डों में चल रही दोबारा जांच

    14, 20, 60, 09, 54, 17, 19, 37, 24

    फैक्ट फाइल

    सर्वे के लिए एग्रीमेंट - एक जून 2019

    सर्वे की पूरी लागत - 3.60 करोड़

    नगर निगम में वार्ड - 70

    सर्वे वाले कुल वार्ड - 14

    इतने वार्डों में चल रहा सर्वे - 11

    इतने वार्डों की पूरी हो चुकी जांच - 05

    इतने वार्डों की दोबारा हो रही जांच - 09

    सर्वे पूरा करने की आखिरी तिथि - दिसंबर 2021

    ऐसे बढ़ी वसूली

    वर्ष जमा कर

    2018-19 20.53 करोड़

    2019-20 21.69 कर

    2020-21 22.14 करोड़

    32 गांवों में अभी नहीं लगेगा

    नगर निगम में शामिल 32 गांवों के नागरिकों से अभी कोई कर नहीं लिया जाएगा। नगर निगम प्रशासन जब तक इन नए इलाकों में सड़क, बिजली और पानी की सुविधा नहीं उपलब्ध कराएगा, कर नहीं लिया जाएगा। यही वजह है कि इन इलाकों में कर से जुड़ा कोई कार्य नहीं कराया जा रहा है।

    जीआइएस सर्वे तेजी से पूरा कराने के लिए एजेंसी ने कुछ और टीमें बढ़ाने की जानकारी दी है। सभी 70 वार्ड की रिपोर्ट आने के बाद हजारों नए निर्माण सामने आएंगे और नगर निगम को करोड़ों रुपये के राजस्व का प्राप्ति होगी। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त।