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एक अप्रैल से इतिहास हो जाएगा यह बैंक, 1975 में गोरखपुर में हुई थी स्‍थापना Gorakhpur News

गोरखपुर के ग्रामीण बैंक पूर्वांचल बैंक का अस्तित्व एक अप्रैल से खत्म हो जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 01:58 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 01:58 PM (IST)
एक अप्रैल से इतिहास हो जाएगा यह बैंक, 1975 में गोरखपुर में हुई थी स्‍थापना Gorakhpur News
एक अप्रैल से इतिहास हो जाएगा यह बैंक, 1975 में गोरखपुर में हुई थी स्‍थापना Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के ग्रामीण बैंक 'पूर्वांचल बैंक' का अस्तित्व एक अप्रैल से खत्म हो जाएगा। पूर्वांचल बैंक, काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक व बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक के विलय के बाद अब नया बैंक बड़ौदा यूपी बैंक अस्तित्व में आएगा। गोरखपुर में तारामंडल स्थित पूर्वांचल बैंक के प्रधान कार्यालय को इस नए बैंक का मुख्यालय बनाया जाएगा।

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1975 में गोरखपुर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के रूप में हुई थी स्‍थापना

गोरखपुर में ग्रामीण बैंक की स्थापना 1975 में गोरखपुर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के रूप में हुई थी। 2005 में इसमें बस्ती ग्रामीण बैंक के विलय के बाद नाम पूर्वांचल ग्रामीण बैंक हो गया। एक अप्रैल 2013 को इस बैंक में इटावा व बलिया के ग्रामीण बैंकों का विलय होने के बाद इसका नया नाम 'पूर्वांचल बैंकÓ हुआ, जिसकी कुल छह सौ शाखाएं हैं। 

बैंक ने हासिल की कई उपलब्धियां

पांच साल के दौरान बैंक ने कई उपलब्धियां हासिल की। जमा राशि में 6754 करोड़ व ऋण में 1010 करोड़ की वृद्धि हुई है। इस प्रकार बैंक के सकल व्यवसाय में 7764 करोड़ की वृद्धि दर्ज हुई है। गैर निष्पादक आस्तियों की राशि का प्रतिशत भी इन पांच वर्षों में 17.30 फीसद से घटकर 11.59 फीसद पर आ गया है। - एके सिन्हा, चेयरमैन, पूर्वांचल बैंक

बैंक हुए गुलजार, पैसा निकालने पहुंचे श्रमिक

सरकार ने श्रमिकों के खातों में एक-एक हजार रुपये भेजना शुरू कर दिया है। इससे ग्रामीण क्षेत्र की शाखाओं व ग्राहक सेवा केंद्रों पर रोज से दूने ग्राहक पहुंचे। जिनके खाते में पैसे आ चुके थे, उन्होंने निकाल लिया। अभी अनेक श्रमिकों के खातों में पैसे नहीं पहुंच पाए हैं। बैंक कर्मियों ने श्रमिकों को समझाया कि पैसे खातों में आने शुरू हो गए हैं। कल तक सभी के खातों में पैसे आ जाएंगे। ज्यादातर श्रमिकों के खाते ग्राहक सेवा केंद्रों या ग्रामीण क्षेत्रों की शाखाओं में हैं। जाफरा बाजार स्थित सेवा केंद्र पर लगभग डेढ़ सौ लोग पैसा निकालने पहुंचे थे, इनमें लगभग सौ श्रमिक थे। केंद्र संचालक संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि आज पैसा निकालने पहुंचे 100 श्रमिकों के खाते चेक किए गए लेकिन दोपहर तक किसी के खाते में पैसा नहीं आया था।

कुछ श्रमिकों के खातों में नहीं पहुंची राशि

शहर की शाखाओं में रोज की अपेक्षा दूने लोग पहुंचे लेकिन इनमें श्रमिकों की संख्या कम थी, गांवों की शाखाओं व सेवा केंद्रों पर श्रमिकों की संख्या ज्यादा रही। पूर्वांचल बैंक की मिर्जापुर, चौरीचौरा व झंगहा शाखाओं में पहुंचे किसी श्रमिक के खाते में पैसे नहीं आए थे। विधवा, वृद्धा पेंशन के पैसे खातों में आ चुके थे, जिसे पात्रों ने निकाला। भारतीय स्टेट बैंक के उप महाप्रबंधक पीसी बरोड़ ने कहा कि श्रमिकों के खाते में पैसे आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक श्रमिक इस उद्देश्य से ही शाखाओं व ग्राहक सेवा केंद्रों पर पहुंचे थे कि वे पैसे निकाल सकें। जिनके खाते में पैसे आ गए थे, उन्हें दे दिया गया। शेष को बताया गया है कि मंगलवार तक उनके खाते में पैसे आ सकते हैं। 28 करोड़ श्रमिकों के खाते में केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा पैसे भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, कल तक सभी के खाते में पैसे पहुंच जाने चाहिए। पूर्वांचल बैंक के अध्यक्ष एके सिन्हा ने बताया कि श्रमिकों के ज्यादातर खाते गांवों की शाखाओं व ग्राहक सेवा केंद्रों पर हैं। आज रोज की अपेक्षा श्रमिक ज्यादा पहुंचे थे। ज्यादातर लोग यह जानने पहुंचे थे कि उनके खाते में पैसे आए या नहीं। जिनके खाते में पैसे आ चुके थे, उन्होंने निकाल भी लिया।


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