गोरखपुर चिड़ियाघर में कानपुर व रांची चिडि़याघर से आएगा हिमालयी काले भालू का जोड़ा
गोरखपुर चिड़ियाघर के दर्शकों के लिए एक अच्छी खबर है। चिड़ियाघर में देशी भालू के साथ-साथ हिमालयी काला भालू का जोड़ा भी देखने को मिलेगा। इसे लाने की तैय ...और पढ़ें

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर चिड़ियाघर के दर्शकों के लिए एक अच्छी खबर है। चिड़ियाघर में देशी भालू के साथ-साथ हिमालयी काला भालू का जोड़ा भी देखने को मिलेगा। इसे लाने की तैयारी चल रही है। इसमें से नर भालू के लिए कानपुर चिड़ियाघर ने अपनी सहमति दे दी है, मादा भालू के लिए चिड़ियाघर रांची झारखंड बातचीत चल रही है। वहां से सहमति मिलने के बाद हिमालयी काला भालू के जोड़े को चिड़ियाघर लाया जाएगा।
बच्चों का बढ़ेगा रोमांच
चिड़ियाघर में भालू को देखने का अपना एक अलग ही आनंद है। उसका सीढ़ियों से चढ़ना। धूप में मचान पर जाकर आराम करना। बच्चे उसे देखकर रोमांचित होते हैं। दो से तीन क्विंटल के इस प्राणी की तेज चाल भी लोगों को बेहद भाती है। चिड़ियाघर में भालू के बाड़े के बाहर दर्शकों की भारी भीड़ होती हैं। आने वाले दिनों में दर्शकों के उत्साह में कई गुना वृद्धि होने वाली है। इसकी वजह है कानपुर में चिड़ियाघर ने एक हिमालयी काला भालू गोरखपुर चिड़ियाघर को देने के लिए सहमति दे दी है, लेकिन बिना जोड़े के भालू को चिड़ियाघर नहीं लाया जा सकता है। चिड़ियाघर प्रशासन इसके लिए रांची चिड़ियाघर से संपर्क में है।
सामान्य की तुलना में दिखते हैं सुंदर
चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि हिमालयी काला भालू भारत, भूटान, नेपाल, तिब्बत के हिमालयी क्षेत्रों में मिलता है। इस भालू के बाल काले व छाती के पास हिस्सा सफेद होता है। यह कभी-कभी वी आकार होता है। यह सामान्य भालू की तुलना में देखने में सुंदर होते हैं। इसकी पूछ छेाटी होती है। इसका सिर अपेक्षाकृत छोटा होता है। यह करीब 30 से 35 वर्ष की आयु तक जीता है। भालू का यह जोड़ा आने के बाद चिड़ियाघर में कुल चार भालू हो जाएंगे। अभी सिर्फ नर भालू नितीश व मादा भालू रानी चिड़ियाघर में मौजूद हैं।
सहमति मिलते ही लाए जाएंगे भालू
चिडि़याघर के निदेशक डा. एच राजामोहन ने बताया कि कानपुर से एक हिमालयी भालू के लिए सहमति मिल चुकी है। झारखंड के राची चिड़ियाघर के निदेशक से उसके दूसरे साथी के लिए बातचीत हो गई थी। वह तैयार भी थे इसके लिए, लेकिन उनका स्थानांतरण हो गया। अब नये सिरे से झारखंड इसके लिए वार्ता की जा रही है। सहमति मिलने पर यहां टीम भालू के चयन के लिए जाएगी। उसके बाद भालू के जोड़े को चिड़ियाघर लाया जाएगा।

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