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    दिल के छेद व वाल्व का बीआरडी मेडिकल कॉलेज में होगा इलाज, बिना चीर-फाड़ के किया जाएगा आपरेशन

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Thu, 02 Jun 2022 02:54 PM (IST)

    बीआरडी में 15 जून से आपरेशन शुरू करने की योजना है। अभी तक अभी तक दिल में छेद के रोगियों को एसजीपीआइ लखनऊ रेफर किया जाता था। ऐसे में गोरखपुर सहित आसपास के जिलों के लोगों के लिए भी सुविधा हो गई है।

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    मेडिकल कॉलेज में दिल के छेद व वाल्व का होगा उपचार। (फाइल)

    गोरखपुर, जागरण टीम। बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में अब हृदय के वाल्व व दिल के छेद का भी उपचार हो सकेगा। 15 जून से इसे शुरू करने की योजना है। कैथ लैब शुरू हो चुकी है। जनवरी से एंजियोप्लास्टी, एंजियोग्राफी होने के साथ ही पेसमेकर भी लगाया जा रहा है। अभी तक वाल्व व दिल में छेद के रोगियों को संजय गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीआइ), लखनऊ रेफर किया जाता था। अब उन्हें यहीं सुविधा मिलने लगेगी। बिना चीर-फाड़ के आपरेशन किया जाएगा।

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    सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक शुरू होने से लोगों को मिली राहत: मेडिकल कालेज में सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक शुरू हो जाने से गंभीर रोगियों को बड़ी राहत मिली है। पहले हृदय रोगियों को लखनऊ के किंग जार्ज मेडिककल यूनिवर्सिटी, डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व एसजीपीजीआइ में उपचार के लिए जाना पड़ता था। अब नेपाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार के लोगों को यही उपचार मिलने लगा है। मेडिकल कालेज में 24 जनवरी को कैथ लैब शुरू हुई। अभी तक 20 लोगों को पेसमेकर लगाया जा चुका है। 60 लोगों की एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी तथा 70 लोगों की एंजियोग्राफी हो चुकी है। एसजीपीजीआइ के खर्च पर उपचार हो रहा है।

    10-10 रोगी चिह्नित: दिल के छेद व हृदय के वाल्व के 10-10 रोगी चिह्नित कर लिए गए हैं। छेद वाले रोगियों की उम्र 16 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक है। खराब वाल्व वाले रोगी 30 से 50 वर्ष के बीच के हैं। मेडिकल कालेज में अभी बच्चों के दिल के छेद का उपचार नहीं किया जाएगा। 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के दिल के छेद का आपरेशन होगा।

    शाही ग्लोबल ने कराया 286 बच्चों का निश्शुल्क आपरेशन: शाही ग्लोबल हास्पिटल, तारामंडल दिल के छेद से परेशान बच्चों का निश्शुल्क आपरेशन कराता है। चार साल पहले यह अभियान शुरू किया गया। अभी तक 286 बच्चों का आपरेशन हो चुका है। 1200 से अधिक बच्चे इसके लिए पंजीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से 25 की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो गई थी, इसलिए उनका आपरेशन नहीं कराया गया। शेष में मामूली दिक्कत थी। वे दवा से ठीक हो गए। ऐसे बच्चों को चिह्नित करने के लिए अस्पताल में हर माह शिविर लगाया जाता है। चिह्नित बच्चों का आपरेशन दिल्ली के मैक्स अस्पताल में कराया जाता है। इसका खर्च स्वयं सेवी संस्थाओं व राज्य सरकार के सहयोग से वहन किया जाता है।

    बीआरडी मेडिकल कालेज के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. कुनाल ने बताया कि एक जून से दिल के छेद व वाल्व के रोगियों का बिना चीर-फाड़ के आपरेशन शुरू कर दिया जाएगा। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार व नेपाल के रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। दिल के छेद व वाल्व के उपचार में क्रमश: 1.10 लाख व 50 हजार रुपये का खर्च आएगा।

    शाही ग्लोबल हास्पिटल के निदेशक डा. शिव शंकर शाही ने बताया कि 2018 से दिल के छेद से पीड़ित बच्चों का निश्शुल्क आपरेशन कराने का अभियान शुरू किया गया है। इसमें दिल्ली के मैक्स हास्पिटल के डा. नीरज अवस्थी का बहुत सहयोग रहता है। हर माह शिविर लगाकर ऐसे बच्चों को चिह्नित किया जाता है। अब तक 286 बच्चों को लाभ मिल चुका है।