Gorakhpur News: गुरुकुल टाउनशिप के साथ आकार लेगा 'नया गोरखपुर', आवासीय, शिक्षा और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
गोरखपुर विकास प्राधिकरण गुरुकुल टाउनशिप फेज-1 के साथ नया गोरखपुर विकसित करेगा। 126.35 हेक्टेयर में फैली इस योजना को प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दी। इस परियोजना में आवासीय शिक्षा स्वास्थ्य व्यापार और हरित क्षेत्र का संतुलित विकास शामिल है। प्राधिकरण का उद्देश्य शहर को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करना और पर्यटन को बढ़ावा देना है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से प्रस्तावित गुरुकुल टाउनशिप फेज-1 के साथ नया गोरखपुर आकार लेना शुरू करेगा। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण एवं नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत प्राधिकरण ने इस सुव्यवस्थित टाउनशिप के विकास की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। बुधवार को संपन्न हुई प्राधिकरण बोर्ड बैठक में इस टाउनशिप के तलपट मानचित्र (ले-आउट प्लान) को मंजूरी भी मिल गई।
प्राधिकरण, मानीराम और रहमत नगर में 126.35 हेक्टेयर (312.23 एकड़) में गुरुकुल सिटी फेज-01 लांच करेगा। अब तक यहां 44.135 हेक्टेयर (109.05 एकड) भूमि समझौते के आधार पर अर्जित की जा चुकी है। 82 हेक्टेयर भूमि और ली जानी है। बोर्ड बैठक में बची हुई भूमि की भी प्राधिकरण के पक्ष में रजिस्ट्री प्रक्रिया जल्द पूरी कराने का निर्णय किया गया।
ग्राम मानीराम और रहमतनगर में अर्जित एवं प्रस्तावित कुल 126.35 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की जाने वाली गुरुकुल टाउनशिप फेज-01 योजना में तलपट मानचित्र में विभिन्न श्रेणियों के लिए भूमि आरक्षित की गई है। परियोजना में ग्रुप हाउसिंग, प्लाटेड डेवलपमेंट, सर्विस अपार्टमेंट, ईडब्ल्यूएस और एलआइजी आवास, होटल, शापिंग माल, रिटेल कामर्शियल, शैक्षणिक संस्थान, प्रशिक्षण केंद्र, सिटी सिविक सेंटर, जलाशय, हरित क्षेत्र (ग्रीन जोन, पार्क आदि) और सड़कों के लिए भूमि चिन्हित की गई है।
प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन का कहना है कि गुरुकुल सिटी परियोजना का उद्देश्य न सिर्फ आवासीय ज़रूरतों को पूरा करना है, बल्कि इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, और हरित पर्यावरण का संतुलित विकास भी सुनिश्चित करना है। यह योजना भविष्य के गोरखपुर का नया चेहरा बनेगी। संबंधित अधिकारियों को मानीराम और रहमतनगर में शेष भूमि के समझौते के आधार पर अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
छह हजार एकड़ में बसेगा नया गोरखपुर
नया गोरखपुर परियोजना के तहत समझौते और अनिवार्य अधिग्रहण से प्राधिकरण छह हजार एकड़ भूमि जुटाएगा। समझौते के आधार पर अब तक चार राजस्व ग्राम में कुल 85.250 हेक्टयर यानी 210.076 एकड़ भूमि अर्जित की गई है। ग्राम मानीराम और रहमत नगर में कुल 44.135 हेक्टेयर (109.05 एकड) भूमि और ग्राम बालापार, बैजनाथापुर में कुल 41.115 हेक्टेयर (101.593 एकड़) भूमि अर्जित की गई है। अभी इन क्षेत्रों में समझौते के आधार पर अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।
आवासीय और पर्यटन गतिविधियों को मिलेगी गति
गोरखपुर: गोरखपुर विकास (प्राधिकरण) जीडीए की 128वीं बोर्ड बैठक में लिए गए फैसलों से गोरक्षनगरी में आवासीय के साथ ही पर्यटन गतिविधियों को भी गति मिलेगी। लोगों को सुव्यवस्थित टाउनशिप में घर पाने का मौका मिलेगा तो वहीं रामगढ़ताल किनारे रिंग रोड और ताल फ्रंट विकसित किए जाने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
शहर की सीमा पर प्रस्तावित भव्य प्रवेश द्वार गोरक्षनगरी की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत से परिचय कराएंगे। शहर के सभी क्षेत्रों में आवासीय योजनाएं प्रस्तावित होने से लोगों के सामने इच्छानुसार घर पाने का विकल्प खुलेगा।
मानबेला में नए सिरे से न्यू रोहिणी एन्क्लेव योजना लांच होगी तो रामगढ़ताल किनारे पाम पैराडाइज में निम्न आय वर्ग के लोगों को भी घर पाने का मौका मिलेगा। गोरखनाथ क्षेत्र में कुश्मी एन्क्लेव के साथ प्राधिकरण अपनी पहली ऊंची इमारतों वाली आवासीय योजना शुरू करेगा तो वहीं लैंड पुलिंग योजना की शुरूआत प्राधिकरण के सिकुड़ते लैंड बैंक की चिंता को दूर करेगा।
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