गोरखपुर सबरंग: सांस्कृतिक माहौल में अध्यात्म का अहसास, यह घाट है खास
राप्ती नदी तट पर स्थित गुरु गोरक्षनाथ घाट अध्यात्म और संस्कृति का संगम है। राजस्थानी वास्तुकला से निर्मित यह घाट अपनी सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहाँ भगवान शिव की विशाल प्रतिमा है। मकर संक्रांति और छठ पर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। अब यह शहर का प्रमुख दर्शनीय स्थल बन गया है जहाँ पर्यटक शांति और सुंदरता का आनंद लेते हैं।

राप्ती नदी के तट पर बना गुरु गोरक्षनाथ घाट मात्र एक नदी का घाट नहीं है, सांस्कृतिक माहौल में अध्यात्म का अहसास भी है। इसी दृष्टि से यह सांस्कृतिक व आध्यात्मिक लोगों के लिए खास भी है। हो भी क्यों न, श्रद्धा, परंपरा और सांस्कृतिक उत्सवों का यह जीवंत संगम जो है। घाट की सुबह और शाम लोगों को बरबस ही खींच लाती है। वहां कुछ समय गुजारने के लिए मजबूर करती है।
चौड़े पत्थरों से बना यह घाट स्थापत्य कला का नमूना है। नदी की ओर उतरती सीढ़ियां इसकी सुंदरता का आईना हैं। राजस्थानी स्थापत्य कला से बनाए गए छोटे-छोटे मंदिर घाट की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। इसके मंडप और छोटे-छोटे शिखर श्रद्धालुओं की आस्था को बढ़ाते हैं। तभी तो इसे देख लोग श्रद्धा से सिर झुकाते हैं। भगवान शिव की विशाल प्रतिमा से आध्यात्मिक माहौल को संपूर्णता मिलती है। कुल मिलाकर राप्ती नदी के तट पर स्थित गुरु गोरखनाथ घाट सिर्फ स्नान और पूजा का स्थल ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक आस्था, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक आयोजनों का भी केंद्र है।
यह घाट नाथपंथ के संतों के लिए साधना और भक्ति का केंद्र रहा है। इसीलिए इसका नाम गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर पड़ा है। श्रद्धालु यहां विशेष रूप से मकर संक्रांति, कार्तिक पूर्णिमा और छठ पर्व के अवसर पर बड़ी संख्या में स्नान और पूजा करने आते हैं। इस अवसर पर भजन-कीर्तन के आयोजन होते हैं।
स्थानीय मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम यहां समय-समय पर होते रहते हैं। छठ पर्व की इस घाट की छटा अद्भुत होती है। हजारों श्रद्धालु घाट पर सामूहिक रूप से सूर्योपासना करते हैं। शाम को अस्ताचलगामी और सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी छठ उपासना पूरी करती हैं।
अब तो गुरु गोरक्षनाथ घाट शहर का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल बन चुका है। पर्यटकों को भी लुभा रहा है। उन्हें नदी के किनारे कुछ पल गुजारने के लिए बुला रहा है। सुबह-शाम तट पर उमड़ने वाली भीड़ इसका प्रमाण है। आप भी समय निकालकर यहां जरूर आइए। नदी के किनारे सुंदर वातावरण का लुत्फ उठाइए। अपने जीवन के अनुभव का दायरा बढ़ाइए।
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