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    बदलेगी पूर्वांचल की औद्योगिक सूरत, 18 गांवों की आठ हजार एकड़ भूमि अधिग्रहीत कर बनेगा ग्रेटर गीडा

    By Jagran NewsEdited By: Pradeep Srivastava
    Updated: Wed, 05 Oct 2022 08:02 AM (IST)

    गोरखपुर के औद्योगिक विकास की सूरत बदलने जा रही है। धुरियापार क्षेत्र के 18 गांवों की 8385 एकड़ भूमि अधिग्रहीत कर ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसमें औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही व्यावसायिक आवासीय एवं सांस्थानिक विकास की योजना है।

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    Industrial Development of Gorakhpur: गोरखपुर की औद्योगिक सूरत बदलने जा रही है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर में औद्योगिक विकास और तेज होने जा रहा है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में नई इकाईयों की स्थापना के साथ ही अब धुरियापार क्षेत्र में भी विकास की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इस क्षेत्र को ग्रेटर गीडा के रूप में विकसित करने की तैयारी है। 18 गांवों की 8385 एकड़ भूमि अधिग्रहीत करने की तैयारी है और इसमें से तीन हजार 108 एकड़ क्षेत्रफल में औद्योगिक इकाईयां स्थापित की जाएंगी। औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही व्यावसायिक, आवासीय एवं सांस्थानिक विकास की योजना भी बनाई गई है। धुरियापार के विकास को लेकर बनाई जा रही महायोजना अंतिम चरण में है।

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    सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया है गीडा के विस्तार का निर्देश

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गीडा को धुरियापार क्षेत्र में विस्तार करने को कहा है। पिछड़े क्षेत्र के रूप में पहचाना जाने वाला धुरियापार अब विकास के साथ कदमताल करेगा। इंडियन आयल की ओर से कंप्रेस्ड बायो गैस का प्लांट लगाया जा रहा है ओर टू जी एथेनाल प्लांट लगाने की तैयारी है। अब गीडा भी इस क्षेत्र में बड़े निवेश लाने की तैयारी में जुट गया है। धुरियापार औद्याेगिक टाउनशिप सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है। धुरियापार में 37.07 प्रतिशत क्षेत्र औद्योगिक, 20.05 प्रतिशत क्षेत्र औद्योगिक, 13.39 प्रतिशत क्षेत्र पब्लिक एंड सेमी पब्लिक (पीएसपी), 5.81 प्रतिशत क्षेत्रफल व्यावसायिक, 14.50 प्रतिशत हरित व खुला क्षेत्र, 9.18 प्रतिशत सड़क व अन्य सुविधाओं के लिए प्रस्तावित है। पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने धुरियापार टाउनशिप की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया था।

    औद्योगिक गलियारे में आने लगा निवेश

    गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे विकसित किए जा रहे औद्योगिक गलियारे में निवेश आने लगा है। सबसे बड़ा निवेश पेप्सिको की बाटलिंग कंपनी वरुन बेवरजेस लिमिटेड करने जा रही है। करीब एक हजार 71 करोड़ रुपये के निवेश के लिए 43 एकड़ से अधिक जमीन गीडा ने एक सप्ताह के भीतर आवंटित कर दी और हाल ही में कंपनी की ओर से रजिस्ट्री भी करा ली गई। इस क्षेत्र में और बड़े निवेश जल्द ही आने वाले हैं। एक सप्ताह में कंपनी को जमीन पर कब्जा भी दे दिया जाएगा। इस निवेश से करीब 1509 लोगों को रोजगार मिलेगा।

    प्लास्टिक पार्क में विकास को मिली स्वीकृति

    प्लास्टिक पार्क का संचालन जल्द शुरू करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कुछ छूट भी दी गई है। ओद्योगिक गलियारे के 88 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित होने वाले लिंक एक्सप्रेस वे पर करीब 70 करोड़ रुपये का लागत आएगी। स्पेशल परपज व्हेकिल (एसपीवी) को लेकर भी सहूलियत प्रदान की गई है। आधारभूत संरचना के लिए गीडा ने टेंडर भी जारी कर दिया है। जल्द ही औद्योगिक इकाई लगाने के लिए जमीन का आवंटन शुरू कर दिया जाएगा।

    जल्द शुरू होगा फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण

    रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए कम पूंजी वाले उद्यमियों को गीडा फैक्ट्री बनाकर देगा। इसके लिए फ्लैटेड फैक्ट्री कांप्लेक्स का निर्माण जल्द शुरू कर दिया जाएगा। 2.68 एकड़ भूमि पर 33.92 करोड़ की लागत से कांप्लेक्स का निर्माण किया जाएगा। इसमें 80 इकाईयां स्थापित हो सकेंगी।

    40 मार्केटिंग आउटलेट भी बनाए जा सकेंगे। गीडा में ही रेडीमेड गारमेंट पार्क की भी स्थापना की जा रही है। यहां 40 उद्यमियों को भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। नवंबर महीने में मुख्यमंत्री फ्लैटेड फैक्ट्री व गारमेंट पार्क का शिलान्यास भी करेंगे।

    धुरियापार में औद्योगिक टाउनशिप के लिए महायोजन तैयार करने का काम अंतिम चरण में है। 3108 एकड़ में औद्योगिक इकाईयां स्थापित की जाएंगी। अन्य सेक्टर से जुड़े विकास भी होंगे। प्लास्टिक पार्क का काम भी आगे बढ़ा है। जल्द ही गीडा में और बड़े निवेश होंगे। - पवन अग्रवाल, सीईओ गीडा।