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    UP News: नाइलिट की गोरखपुर शाखा को मिली डीम्ड विश्वविद्यालय की मान्यता, बढ़ेंगे पाठ्यक्रम

    गोरखपुर का नाइलिट अब डीम्ड विश्वविद्यालय बन गया है जिससे पाठ्यक्रमों में विस्तार होगा। 2024-25 के सत्र से एमटेक बीटेक मशीन लर्निंग और डिप्लोमा जैसे नए कोर्स शुरू होंगे। डीम्ड विश्वविद्यालय के रूप में नाइलिट उद्योग और समाज की उभरती जरूरतों को पूरा करने वाले नवीन कार्यक्रमों को डिजाइन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। नाइलिट रोपड़ डीम्ड यूनिवर्सिटी का मुख्य परिसर है।

    By Rajnish Kumar Tripathi Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 11 Sep 2024 08:57 AM (IST)
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    नाइलिट गोरखपुर में एमटेक, बीटेक, मशीन लर्निंग और डिप्लोमा कोर्स जैसे कई अन्य पाठ्यक्रमों की शुरुआत होगी।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नाइलिट (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फार्मेशन टेक्नालाजी) की गोरखपुर शाखा को डीम्ड विश्वविद्यालय की मान्यता प्राप्त हो गई है। उन्हें यह मान्यता यूजीसी एक्ट के सेक्शन तीन के अंतर्गत भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने प्रदान की है।

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    डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद यह परिसर अब देश भर के 11 अन्य संस्थानों के साथ मिलकर कार्य करेगा। संस्थान के प्रारूप में इस बदलाव के बाद सत्र 2024-25 मेंं कई अन्य पाठ्यक्रमों की शुरुआत होगी, जिसमें एमटेक, बीटेक, मशीन लर्निंग और डिप्लोमा कोर्स शामिल होंगे।

    संस्थान के निदेशक डा. धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि नाइलिट रोपड़ डीम्ड यूनिवर्सिटी का मुख्य परिसर है, जिसकी 11 घटक इकाइयां आइजोल, अगरतला, औरंगाबाद, कालीकट, गोरखपुर, इंफाल, ईटानगर, केकरी, कोहिमा, पटना और श्रीनगर में है।

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    डा. मिश्रा ने बताया कि एक डीम्ड विश्वविधालय के रूप में नाइलिट अब उधोग और समाज की उभरती जरूरतों को पूरा करने वाल नवीन कार्यक्रमों को डिजाइन और कार्यान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह उच्च दर्जा अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों और औद्योगिक भागीदारों के साथ सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।

    यह है डीम्ड यूनिवर्सिटी

    डीम्ड यूनिवर्सिटी मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के अधीन होती है, जो यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय की देखरेख में चलती है। यूजीसी की सिफारिश पर इसे दर्जा मिलता है। इसे पाठ्यक्रम, प्रवेश और शुल्क तय करने की आज़ादी होती है। यह हर तरह की पढ़ाई के लिए स्वतंत्र है। इसे कोर्स के हिसाब से रेगुलेटरी अथॉरिटी से मंजूरी लेनी होती है।

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    सीटीडीटीआइ के नाम से 1989 में हुई स्थापना

    नाइलिट के गोरखपुर केंद्र की स्थापना जून 1989 में सेंटर फार इलेक्ट्रानिक्स डिजाइन एंड टेक्नालाजी आफ इंडिया के नाम से हुई। 2016 से इसका नाम बदलकर नाइलिट हो गया। वर्तमान में गोरखपुर केंद्र से शार्ट टर्म और लांग टर्म 80 से अधिक पाठ्यक्रम संचालित होते हैं। डीम्ड विश्वविद्यालय बनने के बाद पाठ्यक्रमों की संख्या 100 के पार पहुंचाने की नाइलिट प्रशासन की तैयारी है।